नादान मोहब्बत - नही यह प्यार नही - 2

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भाग-2सागर पहली बार बहुत बेचैन था । सुबह जल्दी ही जग गया, क्योंकि शशि से मिलने का उसे बेसब्री से इंतज़ार था । उससे क्या क्या कहना है , वह आएगी या नही , यदि नही आई तो क्या होगा, आदि बहुत कुछ सोंच रहा था । वक़्त बड़ी तेजी से गुजर रहा था । घड़ी की सूइयां 9 बजा रही थीं , उसने शशि को 11 बजे का समय दिया था । वह देर करके कोई गलती नही करना चाहता था, इसलिए तैयार होकर, समय से पहले ही पहुँच गया । नवम्बर - दिसम्बर के सर्द मौसम की सुबह