डॉमनिक की वापसी - 6

  • 4.3k
  • 1
  • 1.9k

दीपांश के जाते ही हरि नैटियाल ने हमसे सीधा सवाल किया, ‘यह यहाँ कैसे?’ मैंने और अजीत ने लगभग एक साथ ही पूछा ‘आप इसे जानते हैं?’ उन्होंने बड़े विश्वास से हाँ में सिर हिलाते हुए कहा, ‘हाँ, मैं इसे जानता हूँ’ हम दोनो उनको बड़े ध्यान से देख रहे थे। उनका नाटकों से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं था पर उनको देखके लग रहा था कि वह दीपांश को अच्छे से जानते हैं। हमें लगा शायद उनके पास उसकी कहानी का वो सिरा है जिसे हम दोनों ही जानना चाहते थे।