आलापइसी गांव में एक वैद्य जी थे। छोटी जगह होने से उनसे जल्दी ही परिचय मित्रता में बदल गया। कई बार शाम के समय पोस्टमास्टर साहब के आवास के बाहर जमी बैठक में उनसे मुलाक़ात भी होती और बात भी। वे कहते थे कि उन्नीस- बीस साल का होते- होते लड़कों की शादी हो जानी चाहिए नहीं तो उन्हें चरित्र हनन या राजरोग के लिए तैयार रहना चाहिए।वह गांव के प्रायः हर अविवाहित लड़के या पुरुष पर कोई न कोई कटाक्ष करते हुए चटपटे किस्से सुनाते रहते थे। गांव का एकमात्र चिकित्सक होने के नाते उनकी अंदरुनी जानकारी पर किसी