आसपास से गुजरते हुए - 28 - Last part

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मुझे लगा था कि अप्पा अब मेरी शादी की बात नहीं उठाएंगे। पर दो दिन बाद बहरीन से त्रिवेन्द्रम आया, नगेन्द्रन अपनी बड़ी बहन के साथ मुझे देखने चला अया। बड़ी बहन मेरे रूप-रंग को लेकर काफी प्रसन्न थीं। दो-तीन बार उन्होंने कहा कि मलयाली परिवारों में ये रंग कम देखने को मिलता है। वे दोनों भाई-बहन खासे काले थे। अप्पा खुद लड़के में खास रुचि नहीं ले रहे थे। उनके जाने के बाद अमम्मा ने आक्रोश से कहा, ‘गोपालन, तुम लड़के में इतना मीन-मेख निकालोगे, तो कैसे चलेगा? क्या बुराई है लड़के में? रंग काला है तो क्या हुआ? वो गोरे परिवार को तो तुम्हारी लड़की नहीं पसंद आई ना...’