मुझे पता चल गया था कि मैं प्रेग्नेंट हूं। मैं शारीरिक रूप से पूरी तरह सामान्य थी। ना शरीर में कोई हलचल हो रही थी, ना मन में। मैं अपनी लम्बी कोचीन यात्रा के लिए सामान बांध रही थी। बहुत दिनों बाद मैंने अटारी में से अपना सबसे बड़ा सूटकेस निकाला। झाड़-झूड़कर बैठी, तो चाय पीने की तलब हो आई। मैंने लिस्ट बना रखी है कि मुझे क्या-क्या लेकर जाना है। वरना पता नहीं कितनी चीजें मिस कर दूंगी। चाय का पानी गैस पर खौलाने रखा और मैं लिस्ट पर नजर दौड़ाने लगी। दूसरे ही नम्बर पर था सेनेटरी...।