एक दिन सीमा को पता चला कि उसकी होने वाली सास मनोज की मां जिन्हें घर और बाहर वाले सभी 'अम्मा' कहकर बुलाते थे, वह तीर्थ यात्रा कर घर लौट आई है। आते ही उन्होंने अपनी होने वाली बहु सीमा को देखने की ईच्छा जताई। मनोज के मुंह से उसने अम्मा के कठोर व्यवहार के किस्सें सुन रखे थे। अम्मा जी नियम-कानून का गंभीरता से पालन वाली भारतीय पुरातन संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती थी। उनके सम्मुख मनोज की बोलती बंद हो जाती थी। अम्मा जी के सम्मुख अगर कोई खुलकर बोल सकता था तो वह उनका पोता श्लोक था। श्लोक भी अम्मा जी से बहुत प्रेम करता था।