कमसिन - 28

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राशी के पेपर हो चुके थे वह अब ज्यादातर समय उसके साथ ही बिताती ! घर में काकी माँ, माँ, राजीव और पापा जी भी बहुत ध्यान रखने लगे थे ! जो केवल मार्निंग वाॅक या कभी बहुत जरूरी काम होने पर ही घर से निकलते थे ! अब अक्सर उसके लिए कभी मिठाई, चाट लाकर देते रहते आज भी मिर्च और पनीर के पकौड़े लेकर आये थे और स्वयें ही देने आ गये थे लो बहू बाहर गया था तो राम जी की दुकान पर गर्मागर्म पकौड़े बन रहे थे तो तुम्हारे लिये ले आया उसे अपने पापा की याद आ गई थी वे भी उसकी तबियत खराब होने पर यूँ ही परेशान हो जाया करते थे और मनपसंद चीजें स्वयं ही लाकर देते थेक। वह पापा जी से पकौड़े लेती हुई बोली और पापा जी आप क्यों परेशान होते हैं