ग़रीबी के आचरण - ५

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श्रीकान्त अंकल जी का अपना घर अब उन्हीं को खाने को दौड़ता था। क्योंकि अब उनके उस किराये के बड़े से मकान में पूरे दिन कोई भी नही रहता था। सिवाय श्रीकान्त अंकल जी और उनकी बूढ़ी मॉं को छोड़कर। क्योंकि उनकी पत्नि और बच्चे सुबह काम पर जाते थे, और शाम के समय ही घर में पाँव रखते थे।लेकिन शान्ति आंटी सुबह जल्दी उठकर अपने और घर वालो के लिए खाना बना लेती थीं। और फिर शाम को काम पर से थोड़ा जल्दी आकर शाम के खाने की तैयारी करती थीं।श्रीकान्त अंकल जी सोचते थे कि ' अगर मेरे