वैश्या वृतांत - 11

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चलो बहना सब्जी लायें यशवन्त कोठारी ‘आज क्या सब्जी बनाऊं ? यदि आप पति हैं तो यह वाक्य हजारों बार सुना होगा और यदि आप पत्नी हैं तो यह प्रश्न हजारों बार पूछ़ा होगा। यदि दोनो ही नहीं हैं तो आपकी सूचनार्थ सादर निवेदन है कि दाम्पत्य जीवन के महाभारत हेतु ये सूत्र वाक्य है। जो दाम्पत्य जीवन के रहस्यों से परिचित हैं , वे जानते हैं कि सब्जी क्या बनाउं से शुरू हो कर यह महाभारत कहां तक जाता है। खुदा का शुक्र है कि विज्ञान की प्रगति के कारण सब्जी लाने का कार्य आजकल साप्ताहिक रूप से