मिस्टर फट्टू. - भाग - ३

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लेखक, परेश मकवाना अगली सुबह जैसे ही में कॉलेज के लिए निकली कॉलेज के पास ही, कुछ गुंडो ने पीछे से आकर मेरा मुह दबोच लिया ओर फिर मुजे बेहोश कर के एक वेन में दाल दिया। ये सब दूर से आ रहे वीर ने देख लिया जैसे ही वो पास पोहचा वेन हाइवे पर फूल रफ्तार से दौड़ने लगी। वीर को लगा की ये उन दो नमूनों का ही प्लान है उसने तुरन्त ही