दास्तान-ए-अश्क - 18

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"अो ईश पलट कर मेरी जिंदगी  देख लेता मेरी बर्बादी मे कही कोई कसर तो नही थी"           ...........                 दास्तान-ए-अश्क   ( पिछले पार्ट मे हमने देखा  की उसकी प्रेग्नन्सी की बात जानने के बाद उसका पति उससे दुरी बनाता है.., आखिर क्या वजह थी..  जानने के लिए पढीये दास्तान-ए-अश्क  आगे.. ) एक तूफान जो उसके जीवन में सैलाब लाने को तैयार था! अश्कों का सैलाब ! अश्क जो उसका पर्याय बन चुके थे ! सुबह में उठी और फिर से कोशिश में जुट गई , अपने पति को पाने की कोशिश में! उन्हें समझने की कोशिश है ,पर