पिछले भागों में आपने पढ़ा कि कैसे उस रात मेरी जिंदगी के आत्माओं की दुनिया से पर्दा हटा , फिर बेपर्दा हो गया ख़ौफ़ का राज इस भाग में सैर करें आत्माओं की दुनिया में।पिछले भाग में महंत जी ओर मेरे मध्य आत्माओ के अस्तित्व के संदर्भ में संवाद हुआ उसके ठीक आगे। इसके बाद पहाड़ियों के उबड़ खाबड़ रास्ते से होते हुए हम मंदिर के ठीक पीछे पहुंचे जहां पर पहाड़ के कटने से एक अर्धचंद्राकार मैदानी आकृति बनी हुई थी जिस के विपरीत तरफ मंदिर की ऊंची दीवार थी वहां से