रात के ११बजे - भाग - ९

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यह बात सुनकर आनन्द कहता है, आशा से भरा जीवन सुख है निराशा के निवारण का प्रयास ही जीवन संघर्ष है। जो इसमें सफल है वही सुखी और सम्पन्न है। असफलता है दुख और निराशा में है जीवन का अन्त। यही है जीवन का नियम यही है जीवन का क्रम। मेरी महबूबा ! तुम चिन्तित मत हो। मैं तुम्हारे लिये सब कुछ व्यवस्था कर दूंगा। मेरे न रहने पर भी तुम्हारा जीवन सुखी व समृद्ध रहेगा। - - - आनन्द एक बहुत होशियार और समझदार व्यक्तित्व का धनी था। वह नगर छोड़ने के पहले पल्लवी की सहपाठी एवं उसके