एंजल नेहा

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“आज तुम्हरी भाभी ना सिर्फ हमको देखी. बल्कि लजाते हुए अंदर दौड़ पड़ी.”... गगन ने संतोष से कहा। दोनों जिगरी यार थे। हर छोटी-बड़ी बात आपस में साझा किया करते थे। “का बात कर रहे हो बे, सच में का”.... संतोष ने रजनीगंधा थूकते हुए हैरानी से पूछा। ऐसा वो सिर्फ तब करता था, जब बोलना बेहद जरूरी हो जाए। नहीं तो हूं-हां से ही काम चल जाता था। “और नहीं तो का! हम क्या झूठ बोल रहे है तुम से”... गगन ने कहा। हालांकि ये बात अलग थी, गगन खुद थोड़ी देर