दास्तान-ए-अश्क -7

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( पिछले पार्ट मे हमने देखा की कहानी की नाईका ईस बात से बहोत परेशान है कि नरेंद्र उसको प्रेम करता है.. वो उसके साथ शादी करना चाहता है.. मगर नाईका अपने पेरन्टस का दिल दुखाने वाला काम नही करना चाहती... अब आगे...?) वो भारी मन और बोझिल कदमों से चलते हुए घर वापस आई !सारे रास्ते एक ही बात उसके दिमाग को कचोट रही थी !उसने जो किया वह सही था गलत ?मन काफीउदास था !बेचैनी बढ़ रही थी!और वो कर भी क्या सकती थी कुछ भी नहींकर पा रही थी! एक तरफ जहां उसको उम्मीद थी नए जीवन की!वहीं