सुहानी आज बहोत खुश है। वर्षो से जिस वजह से जी रही है शायद वो आज ख्वाब पूरा होने वाला है।सुहानी अपने जोब के लिए कुछ चीजें लाती तो बाकी के पैसे आफिस में जमा करवा देती। पापा उसे बहोत डांटते। ऐसे पैसे रख लेने चाहिए। घर देखो पहले। बाद में नोकरी देखो। सुहानी को बहोत गुस्सा आता। बचपन से ईमानदार रहना सिखाते हो फिर अब बड़े होने के बाद यह सब क्यो सिखाते हो? क्या ऐसे पैसे लेकर सुहानी खुश रह पाती? सुहानी खुश है कि आज भी वो सच के रास्ते पर चल रही है। ठोकरे बहोत मिली।