इरा

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ठंडी ठंडी हवा चल रही थी। में और मेरी तनहाई दोनों चुपचाप चले जा रहे थे। लगा जैसे किसी ने पुकारा। पिंछे से। मैने मूड कर देखा कोई भी नहीं था। में फिर से चलने लगी। थोड़े आगे जाते ही लगा मुझे फिर से किसी ने पुकारा... पलट कर देखा। कोई नहीं था। कौन था मेरे पास जो मुझे पुकारता? एक सवाल सा जाग उठा मेरे भीतर। पापा मम्मी सबको छोड़ दिया तब तो यहां नौकरी करने को मिली वरना आज किसी आम बंदेसे शादी कर, दो बच्चोकी मम्मी बनकर घरगृहस्थी संभाल रही होती। उन्ही की शर्त थी नौकरी या