देख कबीरा रोया

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नगर नगर ढिंडोरा पीटा गया कि जो आदमी भीक मांगेगा उस को गिरफ़्तार कराया जाये। गिरफ्तारियां शुरू हुईं। लोग ख़ुशियां मनाने लगे कि एक बहुत पुरानी लानत दूर होगई। कबीर ने ये देखा तो उस की आँखों में आँसू आगए। लोगों ने पूछा। “ए जूलाहे तो क्यों रोता है?” कबीर ने रो कर कहा। “कपड़ा दो चीज़ों से बनता है। ताने और पीटे से। गिरफ़्तारीयों का ताना तो शुरू होगया पर पेट भरने का पीटा कहाँ है?” एक एम ए, एल एल बी को दो सौ खडियाँ अलॉट होगईं। कबीर ने ये देखा तो उस की आँखों में आँसू आगए। एम ए एल एल बी ने पूछा। “ए जूलाहे के बच्चे तु क्यों रोता है?...... क्या इस लिए कि मैंने तेरा हक़ ग़सब कर लिया है?”