जिन्नात की दुल्हन-13

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श्याम का वक्त था..!सुल्तान के चेहरे पर 12:00 बजे हुए थे!उसे लग रहा था कि खलील की परेशानी का हल ढूंढ निकालेगा!मगर !उसकी यह सोच बचकानी साबित हुई थी.!खलील ने जब उसे आगाह करते हुए कहा! कि आप जिन्नात के रास्ते में रुकावट नहीं बनेंगे..!और मैं आपको खोना नहीं चाहता..!तब सुल्तान अपने आप को कितना लाचार समझने लगा.!चाह कर भी वह बेटे की मदद नहीं कर सकता था.!हर एक कदम पर जिन्नात निगाहे गड़ा कर बैठा था.!मगर फिर भी सुल्तान को खलील की बात अच्छी नहीं लगी.!अपने खून को इस तरह हालात से जूझता हुआ सुल्तान नहीं देख सकता