स्वाभिमान - लघुकथा - 29

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जब से उसका स्थानान्तरण आदेश आया है सब मन ही मन खूब पुलकित हैं खूबीचन्द चपरासी से लेकर बड़े बाबू खेमराज तक सब कैसी होगी वह? युवा अधेड़ या वृद्ध? फैशनेबल या सीधी-सादी? दिलफेंक या गुमसुम? गोरी या काली? खूबसूरत या कमसूरत? किसे पसन्द करेगी? वर्मा को या शर्मा को? कौन बनेगा उसका खासमखास? बड़ा बाबू या बॉस? तरह-तरह की अटकलें तरह-तरह के अनुमान लोग बार-बार स्थानान्तरण आदेश देखते गोया उसकी उम्र लिखी हो या सूरत दिखती हो या सीरत का अन्दाजा होता हो आदेश को सूंघते और मुस्कराते मानो कोई अनाम खुशबू उनके नथुनों में बस गई हो