हम दिल्ली में थे। मेरा बच्चा बीमार था। मैंने पड़ोस के डाक्टर कापड़िया को बुलाया वो एक कुबड़ा आदमी था। बहुत पस्तक़द, लेकिन बेहद शरीफ़। उस ने मेरे बच्चे का बड़े अच्छे तरीक़े पर इलाज किया। उस को फीस दी तो उस ने क़ुबूल न की। यूं तो वो पार्सी था लेकिन बड़ी शुस्ता व रफ़्ता उर्दू बोलता था, इस लिए कि वो दिल्ली ही में पैदा हुआ था और तालीम उस ने वहीं हासिल की थी।