कांता बाई

(45)
  • 8.1k
  • 28
  • 1k

सेवा और समर्पण के भाव एवं कार्य के प्रति निष्ठा एवं विश्वास ने आज उन दोनों को जन-जन का प्रिय डॉक्टर बना दिया था, ज़्यादातर मरीज उन दोनों के इलाज़ से ठीक हो रहे थे और यह सब उनके परिश्रम और बाल किशन व कांता के त्याग का फल था।