मानसिकता - एक दृष्टिकोण

(29)
  • 10k
  • 4
  • 1.9k

हाँ मुझे ऐतराज है तुम्हारे इस आधुनिक पहनावे और गैरों से खुले व्यवहार पर! अजय की आवाज अपेक्षाकृत उंची थी। लेकिन कभी मेरी यही खूबियाँ तुम्हे अच्छी भी लगती थी अजय, फिर अब ऐसा क्या हो गया जो तुम्हे ये सब बुरा लगने लगा। वह भी पलटकर जवाव देने से नहीं चूकी थी। कहीं ऐसा तो नहीं जिन नजरों से तुम मेरी सहेलियों को देखते हो, वही मानसिकता तुम्हे हर पुरुष की लगने लगी है। कामना....! अजय एकाएक गुस्से से चिल्ला पड़ा था। तुम्हे कोई हक़ नहीं मुझ पर इस तरह आरोप लगाने का!