"कभी-कभी, जो काम सबसे मामूली लगता है, वही सबसे गहरी साजिशों से घिरा होता है।" आपके हाथों में जो किताब है, वह सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि हकीकत के कड़वे और रोमांचक अनुभवों का दस्तावेज़ है। "ललित – द मास्टर ऑफ ठिकरी" सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक सफर है—एक ऐसे व्यक्ति का सफर, जिसने अपनी बुद्धिमत्ता, साहस और जज़्बे से खुद को अंधेरे के चंगुल से बाहर निकाला। Read full novel on pratilipi

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ललित - The Master of Thikri - 1

पाठकों के लिए एक संदेश "कभी-कभी, जो काम सबसे मामूली लगता है, वही सबसे गहरी साजिशों से घिरा होता आपके हाथों में जो किताब है, वह सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि हकीकत के कड़वे और रोमांचक अनुभवों का दस्तावेज़ है। "ललित – द मास्टर ऑफ ठिकरी" सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक सफर है—एक ऐसे व्यक्ति का सफर, जिसने अपनी बुद्धिमत्ता, साहस और जज़्बे से खुद को अंधेरे के चंगुल से बाहर निकाला। यह कहानी ठिकरी नामक छोटे से शहर में बसे एक कोल्ड स्टोरेज की है। एक साधारण जगह, जहाँ हर सुबह मजदूरों की चहल-पहल होती, ट्रकों के ...और पढ़े

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ललित - The Master of Thikri - 2

"कभी-कभी छोटी-छोटी घटनाएँ किसी बड़े तूफान की आहट होती हैं। इंसान समझता है कि वह हालात पर काबू पा है, मगर किस्मत के खेल में मोहरे कब बदल जाएँ, यह कोई नहीं जानता। जो दूसरों के लिए जाल बुनता है, कभी-कभी वही खुद उसमें फँस जाता है।"◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ फोन की लगातार बजती आवाज़ ने माहौल में एक अजीब सी घबराहट घोल दी थी। ऐसा लग रहा था मानो कोई अनहोनी दस्तक दे रही हो। ललित की उंगलियाँ काँप रही थीं, माथे पर पसीने की महीन बूंदें उभर आई थीं, और दिल की धड़कनें तेज़ हो गई थीं। फोन की घंटी ...और पढ़े

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ललित - The Master of Thikri - 3

ललित को जैसे ही ख्याल आया कि गाड़ी में जो बैग भरे जा रहे हैं, उनकी गिनती कौन कर होगा, उसका दिल बेचैन हो उठा। सोनू भाऊ की कड़ी डांट उसे अब भी याद थी। अगर बैग्स की गिनती में ज़रा भी गड़बड़ हुई, तो फिर एक और शर्मिंदगी झेलनी पड़ेगी। बिना देर किए वह तेज़ी से गाड़ी की तरफ दौड़ा और पास खड़ा होकर बैग्स की गिनती करने लगा। "एक... दो... तीन... चार..." वह खुद को सुनाने के लिए ज़ोर से बोलने लगा, ताकि कोई चूक न हो। लेकिन गिनती गड़बड़ा रही थी। कोई हमाल उसके गिनने ...और पढ़े

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ललित - The Master of Thikri - 4

ललित का मन अंदर ही अंदर सुलग रहा था। उसके विचार बेकाबू होकर अजीब-अजीब शक्लें लेने लगे। "सब कुछ बर्बाद कर दूंगा। किसी को भी नहीं छोड़ूंगा। जहाँ भी जाऊँगा, वहाँ बस मेरा ही राज होगा। किसी की बात नहीं सुनूंगा। हर किसी की चुगली करूंगा। क्योंकि बिना चुगली किए मुझे चैन नहीं मिलता। जब तक यहाँ की बात वहाँ तक नहीं पहुँचती, मेरा कलेजा मुँह को आता है। मेरे दिल को राहत नहीं मिलती। मैं बावन बावन हो जाता हूँ... बावन बावन हो जाता हूँ मैं।" ...और पढ़े

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