पेशे: कॉलेज का अंतिम वर्ष का छात्र, जो एक लेखक बनना चाहता है। स्वभाव: शांत, शर्मीला और अपनी ही दुनिया में खोया रहने वाला। वह अपनी भावनाओं को शब्दों में बहुत खूबसूरती से ढाल सकता है, पर उन्हें व्यक्त करने में हिचकिचाता है। आरव की आँखों में एक ख़ास तरह का अधूरापन है, जैसे वह हमेशा किसी की तलाश में रहता हो। वह रोज़ अपनी डायरी में कुछ लिखता है, पर किसी को दिखाता नहीं। उसकी कहानियाँ और कविताएँ अक्सर अधूरे इश्क़ और दर्द पर आधारित होती हैं।
Full Novel
LAFZ-E-ISHQ. - PART 1
Delhi की भीड़भाड़ में दो जिंदगियाँ टकराती हैं—लेकिन ये इत्तेफ़ाक़ नहीं, एक छुपा हुआ खेल है। हर मुलाक़ात एक नए को जन्म देती है, और हर सच पिछले से ज़्यादा खतरनाक साबित होता है। क्योंकि कभी-कभी… रिश्ते नहीं, रहस्य इंसानों को बाँधते हैं। ...और पढ़े
LAFZ-E-ISHQ. - PART 2
आरव की खामोश मोहब्बत का सफ़र एक और साल तक चला। कॉलेज का आखिरी दिन था। सब दोस्त हँस-बोलकर रहे थे। आरव ने मीरा को दूर से देखा। वह आज भी उतनी ही खूबसूरत लग रही थी, पर आरव के दिल में एक अजीब सा खालीपन था। वह जानता था कि अब शायद वह मीरा को कभी न देख पाए।हिम्मत करके वह उसके पास गया। उसके हाथ में एक छोटा सा डायरी का टुकड़ा था।"मीरा, क्या मैं तुमसे कुछ कह सकता हूँ?" आरव ने बेहद धीमी आवाज़ में पूछा।मीरा ने मुस्कुराकर कहा, "हाँ, ज़रूर।"उसकी आँखों में आरव को पहली ...और पढ़े