इस कहानी का हीरो एक गांव का सीधा-सादा गरीब लड़का है। उसके घर में मम्मी, पापा, भाई और बहन सभी हैं। --- शुरुआत हीरो अपने मोहल्ले का चहेता है। उसे सब प्यार करते हैं। लड़कियाँ उसे बहुत पसंद करती हैं। वह सबके साथ मज़ाक-मस्ती करता है, हमेशा खुश रहता है। लेकिन उसके पापा रोज़ चार गाली देते हैं, वहीं मम्मी बहुत प्यार करती है। अब उसे काम करना था। वह शहर की एक कंपनी में इंटरव्यू देता है और सेलेक्ट हो जाता है। वह बहुत खुश होता है।

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झूठा प्यार - 1

गांव का ग़रीब लड़कालेखक: मो. इब्रार प्रतापगढ़ी---इस कहानी का हीरो एक गांव का सीधा-सादा गरीब लड़का है।उसके घर में पापा, भाई और बहन सभी हैं।---शुरुआतहीरो अपने मोहल्ले का चहेता है।उसे सब प्यार करते हैं।लड़कियाँ उसे बहुत पसंद करती हैं।वह सबके साथ मज़ाक-मस्ती करता है, हमेशा खुश रहता है।लेकिन उसके पापा रोज़ चार गाली देते हैं, वहीं मम्मी बहुत प्यार करती है।अब उसे काम करना था।वह शहर की एक कंपनी में इंटरव्यू देता है और सेलेक्ट हो जाता है।वह बहुत खुश होता है।---कंपनी की शुरुआतकंपनी में 40 लोग काम करते हैं।हीरो का पहला दिन – बॉस थोड़ा कठिन काम देता ...और पढ़े

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झूठा प्यार - 2

यह कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है। इसमें जो कुछ भी हुआ, वह किसी की ज़िंदगी का वह है जिसे शब्दों में बयान करना आसान नहीं है। यह कहानी उन सभी के लिए एक सीख है जो सच्चाई को ठुकराकर लालच, धोखे और दिखावे के पीछे भागते हैं।"किसी की भी भावनाओं को ठेस पहुँचाना या बदनाम करना लेखक का उद्देश्य नहीं है। अगर किसी भी पात्र या घटना की समानता किसी व्यक्ति या स्थान से हो, तो वह मात्र संयोग होगा।"नई शुरुआतहीरो अब बाहर जाता है और दूसरी कंपनी में हेल्पर की नौकरी पाता है — Heidelberg मशीन ...और पढ़े

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