ओ मेरे हमसफर

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प्रिया और कुणाल की कहानी, जहाँ प्यार की हदें सिर्फ जुनून तक ही नहीं, बल्कि रहस्यों और अनसुलझे सवालों तक जाती हैं। प्रिया अचानक कुणाल की ज़िंदगी से गायब हो जाती है, और पीछे छोड़ जाती है अनगिनत सवाल। हर सच का पर्दा उठने पर, कुणाल की दुनिया हिल जाती है। क्या ये अनकहे राज़ और टूटे रिश्ते उन्हें फिर से हमसफ़र बना पाएँगे, या उनका सफर अधूरा ही रह जाएगा? "ओ मेरे हमसफ़र" पढ़िए—जहाँ प्यार, धोखा, रहस्य और जुनून की हर कहानी आपके दिल को थामे रखेगी।

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ओ मेरे हमसफर - 1

प्रिया का रिश्ताडोगरा हाउस आज सचमुच किसी राजमहल जैसा सजा था। हर कोने से फूलों की सोंधी खुशबू आ थी। नौकर-चाकर इधर-उधर दौड़ रहे थे, और कुमुद — घर की मालकिन — हर चीज़ पर अपनी तीखी निगाह रखे हुए थी। हल्की पीली साड़ी में, गहनों की न्यूनतम परत में भी वह किसी सेठानी से कम नहीं लग रही थी।तभी एप्रन पहने एक आदमी पीछे से आया — प्लेट में पकोड़े थे। उसने हँसते हुए एक पकोड़ा कुमुद के मुँह में डाल दिया।“भाग्यवान! ज़रा चखो तो — ठीक बने हैं न?”कुमुद ने गुस्से से उसकी ओर देखा — और ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 2

पहली नजर का प्यार(डोगरा हाउस आज सज-धजकर तैयार था, क्योंकि प्रिया को देखने लड़के वाले आने वाले थे। माँ और पिता वैभव उत्साहित थे, पर वैभव के मन में संदेह था—क्या सिंघानिया परिवार को प्रिया के पैर की समस्या के बारे में बताया गया है? गिरीश, लड़का, सुलझा हुआ और विनम्र था, पर जब प्रिया लंगड़ाते हुए सामने आई, तो माहौल बदल गया। सिंघानिया परिवार ने रिश्ता ठुकरा दिया और अपमानित कर चले गए। माँ-बाप टूट गए, और प्रिया उन्हें सँभालती रही। बाहरी सजावट के बीच, भीतर बिखरी उम्मीदें और आँसुओं की नमी रह गई। अब आगे)कुमुद और वैभव ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 3

( प्रिया एक विशेष लड़की है जो लंगड़ाकर चलती है, इसलिए हर रिश्ता टूट जाता है। सिंघानिया परिवार भी रिजेक्ट कर देता है, जिससे परिवार में दुख छा जाता है। प्रिया हिम्मत नहीं हारती और मृणालिनी की मंगनी में जाती है, जहां उसकी पहली मुलाकात कुणाल राठौड़ से होती है — एक बहादुर और आकर्षक युवक, जो गुंडों से एक लड़की को बचाता है। प्रिया उसके व्यक्तित्व से प्रभावित होती है, लेकिन जल्दबाज़ी में अपनी कार समझकर कुणाल की कार में बैठ जाती है, जिससे एक हल्की-फुल्की शर्मनाक पर दिलचस्प टक्कर होती है।)प्रिया अपने बिस्तर पर लेटी थी, लेकिन ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 4

(प्रिया कुणाल को भूल नहीं पा रही थी। घर पर रिया दीदी के आगमन से हल्का माहौल बनता है, रिया की गंभीरता और प्रिया की शरारत के बीच टकराव चलता रहता है। एक न्यूज कार्यक्रम में प्रिया फिर से कुणाल को देखती है। अगले दिन मंदिर में एक चेन स्नैचर प्रिया पर हमला करता है, लेकिन कुणाल समय पर आकर उसकी जान बचाता है और उसे फर्स्ट एड देता है। प्रिया उसके प्रति आकर्षित होती है, लेकिन कुणाल भावहीन रहकर चला जाता है। प्रिया धीरे-धीरे उसकी ओर खिंचती जा रही है, जबकि कुणाल अभी भी एक रहस्य बना हुआ ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 5

(कुणाल ऑफिस मीटिंग को लेकर अपने असिस्टेंट पर गुस्सा करता है और अपने कठोर स्वभाव का परिचय देता है। डोगरा हाउस में रिया के स्वागत के बीच बिन्नी आंटी अचानक आ जाती हैं। कुमुद उनसे नाराज़ होती हैं क्योंकि उन्होंने पहले प्रिया की शारीरिक कमजोरी छुपाकर रिश्ता तय कराया था। रिया समझदारी से मामला संभालती है और बिन्नी को माफ करने के लिए चाची को मनाती है। प्रिया यह सब सुनकर खुद को बोझ समझने लगती है, पर अंत में वह परिपक्वता से बात करती है और बिन्नी को दिलासा देती है। कहानी रिश्तों, स्वाभिमान और संवेदना को खूबसूरती ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 6

(कुमुद को मृणालिनी की शादी की सूचना मिलती है और वह रिया के साथ जाने का वादा करती है। हाउस में हल्दी की रस्मों की तैयारियाँ जोरों पर हैं। प्रिया, मृणालिनी के साथ रहती है और रिया की पढ़ाई को लेकर मज़ाक करती है। कुमुद और वैभव की प्यारी नोकझोंक शादी के माहौल को खुशनुमा बनाती है। रिया पढ़ाई में उलझी होती है, लेकिन कुमुद की डांट पर तैयार होती है और शर्त के पंद्रह हजार कुमुद जीत जाती है। शादी में रिया की पहली मुलाकात आदित्य से होती है, वहीं आदित्य की माँ ललिता राठौड़ रिया में गहरी ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 7

(ललिता राठौड़ रिया को आदित्य की बहू बनाना चाहती है और रिश्ते की बात लेकर डोगरा हाउस जाती है, कुमुद रिया की पढ़ाई का हवाला देकर मना कर देती है। ललिता अपमानित महसूस करती है और बदले की भावना से प्रिया के लिए कुणाल का रिश्ता तय करने की योजना बनाती है। बिन्नी की मदद से वह जानती है कि प्रिया लंगड़ाकर चलती है, लेकिन रिया नहीं। ललिता कुटिलता से प्रिया की शादी कुणाल से कराने का निर्णय लेती है। कुणाल मां की मंजूरी से खुश होता है, अनजान कि वह सिर्फ एक मोहरा बन रहा है उसकी मां ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 8

(रिया स्टोररूम में पुराने अखबारों के बीच प्रिया द्वारा काटी गई कुणाल राठौड़ की खबरें पाकर चौंक जाती है। आदित्य और उसकी मां ललिता राठौड़ डोगरा हाउस में रिश्ता लेकर आते हैं। माहौल तनावपूर्ण हो जाता है, जब ललिता, रिया की वैधता पर सवाल उठाती है और प्रिया के लिए कुणाल का रिश्ता सामने रखती है। वैभव और कुमुद अपमानित महसूस करते हैं, पर रिया सब सुनकर अचानक आदित्य से शादी के लिए हां कह देती है। यह सबको हिला देता है—विशेषकर कुमुद को, जो समझ जाती है कि अब रिया उसकी बेटी नहीं, बस एक पराई निर्णयकर्ता बन ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 9

(रात के सन्नाटे में कुमुद और वैभव अपने भाई की बेटी रिया के निर्णय पर चिंतन करते हैं। कुमुद लगता है कि रिया ने आदित्य के रिश्ते के लिए 'हाँ' कहकर उनसे दूरी बना ली है, जबकि वैभव का मानना है कि रिया ने यह फैसला परिवार को दुःख से बचाने के लिए लिया होगा। दोनों महसूस करते हैं कि उनके और रिया के रिश्ते में कहीं कोई दरार आ गई है — प्यार में नहीं, पर भरोसे में।उधर, रिया अकेले में अपने आँसुओं के साथ है, लेकिन उसे अपनी बहन प्रिया की खुशी के लिए त्याग करने का ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 10

(प्रिया, रिया से आदित्य को लेकर उसकी भावनाएँ जानना चाहती है। रिया झूठ बोलती है कि वह आदित्य को है और अपने आईएएस बनने के सपने को छोड़ उसकी बनना चाहती है। मासूम प्रिया उसे सच मान लेती है। परिवार इस रिश्ते को मंज़ूरी दे देता है, पर रिया की मुस्कान के पीछे त्याग का दर्द छुपा है। राठौड़ मेंशन में सगाई की तैयारियाँ जोरों पर हैं। आदित्य रिया के ख्यालों में मग्न है, वहीं कुणाल हवेली लौटते ही सजी सजावट और प्रिया की लड़खड़ाहट देखकर चौंक जाता है। निगाहें मिलती हैं, दिलों में संशय गहराता है। पर वह ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 11

(रिया अपनी बहन प्रिया से झूठ बोलती है कि वह आदित्य को चाहती है और वह आदित्य की बनना है। ताकि प्रिया को उसका कुणाल मिल जाए। सगाई की शाम सबके चेहरों पर मुस्कान है, पर दिलों में उलझनें हैं। प्रिया, जो कुणाल से प्रेम करती है, उसके साथ सगाई करती है—कांपते हाथों और झुकी नज़रों के साथ। कुणाल इस बंधन को समझ नहीं पाता, पर ललिता का स्नेह उसे छू जाता है। विदाई के बाद कार में ललिता के शब्द “नींव ना हिलने पाए” कुणाल के मन को झकझोरते हैं। क्या वह इस परिवार की नींव बन पाएगा, ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 12

(रिया अपनी बहन प्रिया को उसका प्रेम—कुणाल—देने के लिए त्याग का झूठ बोलती है कि वह आदित्य से प्रेम है। सगाई की शाम, हँसी के पीछे कई दिल टूटते हैं। प्रिया कुणाल से सगाई करती है, जबकि रिया अपने IAS सपने को दबा देती है। कुणाल उलझन में है, भानु अपने एकतरफा प्रेम में टूट जाती है और ललिता द्वारा तिरस्कृत होती है। प्रिया रिया के अधूरे सपनों की सच्चाई से बेचैन हो उठती है। डोगरा हाउस में प्रिया अपने माता-पिता से रिया को उसकी राह पर चलने देने की विनती करती है। कहानी बलिदान, प्रेम और आत्म-साक्षात्कार की ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 13

(रिया ने अपनी बहन प्रिया के लिए कुणाल से शादी करवाने के लिए झूठ बोला कि वह आदित्य को करती है जिससे रिया की आदित्य से और प्रिया की कुणाल से सगाई हो गई। ललिता प्रिया से नफरत करती है और उसे निकालने की योजना बनाती है। प्रिया, रिया के अधूरे IAS सपने को समझती है। एक दिन, डिस्को में टोनी नामक लड़का रिया से बदतमीज़ी करता है, जिसे प्रिया बचाती है और चांटा मारती है। कुणाल समय पर आकर टोनी को सबक सिखाता है। घटना से कुणाल और प्रिया के रिश्ते में तनाव आता है। टोनी बदले की ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 14

( गलती से कुणाल को भेजे गए एक मैसेज के बाद प्रिया रेस्टोरेंट पहुँचती है, जहाँ उसकी नज़र कुणाल भानु पर पड़ती है। भानु मुस्कुराते हुए ताना मारती है—कहती है कि आदित्य और रिया की शादी करवाने के लिए ही कुणाल ने प्रिया से शादी की है, वह भी मजबूरी में। यह सुनकर प्रिया का दिल जैसे थम जाता है। उसकी निगाहें अब सिर्फ़ एक जवाब तलाश रही हैं—कुणाल की आँखों में। अब आगे)जिद और जुनूनगलती से कुणाल को भेजे गए एक मैसेज के बाद प्रिया रेस्टोरेंट पहुंचती है, जहाँ उसकी नज़र कुणाल और भानु पर पड़ती है। भानु ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 15

(गलती से कुणाल को भेजे गए मैसेज के बाद प्रिया रेस्टोरेंट पहुँचती है और देखती है कि भानु ताना रही है—कुणाल ने रिया और आदित्य की शादी के लिए ही प्रिया से मजबूरी में शादी करने का निर्णय लिया है। टूटती प्रिया कुणाल से पूछती है कि क्या वह उससे प्यार करता है, लेकिन उसकी चुप्पी दिल तोड़ देती है। कुणाल उसे ज़बरदस्ती कार में बैठा लेता है और शादी के लिए जिद करता है, साथ ही चेतावनी भी देता है। घर लौटकर प्रिया उलझन में है। सुबह पार्क में कुणाल से मिलने जाती है, लेकिन वह शादी की ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 16

(प्रिया को भानु से पता चलता है कि कुणाल उससे मजबूरी में शादी कर रहा है। टूटकर वह कुणाल प्यार का सच पूछती है, पर उसकी चुप्पी दिल तोड़ देती है। कुणाल जिद करता है कि शादी हर हाल में होगी। घर में रिया से हल्की-फुल्की बातें होती हैं, पर प्रिया मन ही मन शादी रोकने का सोचती है। आदित्य और कुणाल पूजा के लिए दोनों बहनों को ले जाते हैं। पूजा में पंडित के मना करने पर रिया-प्रिया बस प्रार्थना करती हैं। तभी टोनी प्रिया से बदतमीज़ी करता है और इशारे देता है कि वह कुणाल से उसे ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 17

(प्रिया को भानु से पता चलता है कि कुणाल उससे मजबूरी में शादी कर रहा है। वह कुणाल से का सच पूछती है, पर जवाब नहीं मिलता। पूजा के दौरान टोनी उसकी बेअदबी करता है। बाद में वेटर के बहाने उसे अलग बुलाकर बेहोश कर दिया जाता है। होश आने पर वह खुद को बंधा हुआ पाती है, जहाँ टोनी उसका अपमान करने की कोशिश करता है। तभी कुणाल आकर उसे बचाता है और अपने जुनूनी प्यार का इज़हार करता है और प्रिया उसके गले लग उसके प्यार को स्वीकार लेती है। उधर, ललिता, आदित्य और भानु, टोनी को ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 18

(प्रिया को कमरे में रिया बेहोश मिलती है, जिससे उसे किडनैपिंग की याद आ जाती है और टोनी के सज़ा का संकल्प लेती है। अगले दिन ललिता के घर नाश्ते के दौरान प्रिया और कुणाल के बीच टोनी को लेकर तनाव होता है। कुणाल उसे भरोसा दिलाता है कि टोनी घर में कदम नहीं रखेगा, लेकिन तकरार बनी रहती है। शाम को प्रिया मिलने जाती है, जहाँ कुणाल ने पूरा रेस्टोरेंट बुक किया है। डांस के दौरान उनकी नज़दीकियां बढ़ती हैं, मगर सही समय न मानकर कुणाल रुक जाता है। दोनों के मन में चाहत और संकोच के बीच ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 19

(कुणाल टोनी के खिलाफ प्रिया से बयान दिलाना चाहता है, लेकिन ललिता घर की इज़्ज़त का हवाला देकर मना देती है। कुणाल उलझन में पड़ जाता है। प्रिया रोमांस के ख्यालों में खोई रहती है और कुणाल से उसकी नोकझोंक, छेड़छाड़ और मासूमियत भरे पल चलते हैं। कुणाल प्रिया को बचाने के दौरान उसकी नाटकबाज़ी पकड़ लेता है और माथे पर किस देकर रिश्ते की मर्यादा जताता है। घर लौटकर प्रिया, रिया की शादी को लेकर उसकी बेचैनी और पढ़ाई छोड़ने पर सवाल उठाती है। रिया टालने की कोशिश करती है, पर उसकी असली परेशानियां छिपी रहती हैं। वैभव ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 20

(प्रिया को पता चलता है कि रिया डिस्को में आदित्य और उसके दोस्तों के बीच फंसी है। वह बहादुरी रिया को बचाती है और आदित्य को थप्पड़ मारकर उसकी शादी का विरोध करती है। घर लौटने पर प्रिया ललिता और कुमुद का सामना करती है, जहाँ यह राज़ खुलता है कि कुणाल से उसकी शादी की शर्त रिया की शादी आदित्य से है। प्रिया सबके सामने विद्रोह करती है और कहती है कि अगर यह शर्त है, तो वह कुणाल से रिश्ता तोड़ देगी। पूरा परिवार सन्न रह जाता है। अब आगे)सम्मान और प्याररिया रोते हुए बोली "यह तूने ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 21

(प्रिया को पता चलता है कि रिया डिस्को में आदित्य और उसके दोस्तों के बीच फंसी है। वह बहादुरी रिया को बचाती है और आदित्य को थप्पड़ मारकर उसकी शादी का विरोध करती है। घर लौटकर प्रिया परिवार के सामने विद्रोह करती है और कहती है कि अगर रिया की शादी आदित्य से होने पर ही अगर उसकी शादी कुणाल से होगी तो वह कुणाल से रिश्ता तोड़ती है। रिया को दिल्ली भेजकर प्रिया उसकी IAS की पढ़ाई सुनिश्चित करती है। कुणाल आगबबुला होकर प्रिया को ढूंढता है, लेकिन हवेली वीरान है। प्रिया के साहस, परिवार और प्रेम के ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 22

(प्रिया बहादुरी और प्रेम के संघर्ष में फंसी है। उसने रिया को आदित्य और दोस्तों से बचाया, शादी का किया और रिया की IAS पढ़ाई सुनिश्चित की। कुणाल प्रिया को ढूंढता है, लेकिन हवेली खाली है। बाद में प्रिया ने खुद को बंद कमरे में टोनी और भानु के जाल में फंसा पाया। प्रिया गिरीश की मदद से बच निकलती है। फोन पर कुणाल से मिलकर भावनात्मक पल आता है, लेकिन वह नशे में बेसुध है। कुणाल नशे में उसका साथ देने का वादा करता है । लेकिन प्रिया उसे टैक्सी में बैठाकर विदा करती है। उनका प्यार अधूरा ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 23

(दो साल बाद प्रिया पूरी तरह बदल चुकी है—अब वह भीम रियल एस्टेट में काम करती है, लेकिन नौकरी बने रहने के लिए उसे पाँच प्रोजेक्ट बेचने का दबाव है। कंपनी भी संकट में है और एक साल में ग्रोथ न होने पर बंद हो सकती है। दूसरी ओर रिया IAS की तैयारी कर रही है, लेकिन अख़बार में कुणाल सक्सेना की तस्वीर देखकर अतीत की यादें उसे विचलित कर देती हैं। कुणाल दोनों बहनों के लिए कभी ढाल था। परिवार से बात करके रिया को हिम्मत मिलती है और प्रिया को भी नया उत्साह। दोनों बहनों की राहें ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 24

(यह अध्याय दो साल बाद की कहानी को आगे बढ़ाता है। प्रिया अब भीम रियल एस्टेट में काम कर है और नौकरी बचाने के लिए दबाव झेल रही है, जबकि रिया IAS की तैयारी में जुटी है। उधर कुणाल, अपनी सफलता के बावजूद प्रिया की यादों में टूट चुका है और यक़ीन करता है कि उसने उसे कभी धोखा नहीं दिया। मां ललिता उसके विवाह के लिए दबाव डालती है, मगर वह प्रिया की तलाश में नैनीताल पहुँचता है। गिरीश उस पर पुराने धोखों के आरोप लगाता है। नैनीताल की सड़कों पर, एक पल के लिए कुणाल को लगता ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 25

(दो साल बाद प्रिया भीम रियल एस्टेट में असफल कर्मचारी साबित हो रही है। जुनैजा उसे निकालने ही वाला कि अचानक नए सीनियर मैनेजर तरुण खन्ना आते हैं और सभी को ट्रेनिंग व नौकरी की गारंटी देते हैं। इसी बीच वे कंपनी का नया ट्रेनर बुलाते हैं—कुणाल राठौड़। प्रिया उसे देखकर सन्न रह जाती है, जबकि कुणाल की आँखों में सवाल और दर्द है। दोनों की मुलाक़ात में अतीत की टीस साफ़ झलकती है। प्रिया घबराकर बचने की कोशिश करती है, पर कुणाल उसे सीधे काम के बहाने टकराव में खींच लेता है। अब उनका रिश्ता नए इम्तिहान से ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 26

(कहानी में दो साल बाद प्रिया भीम रियल एस्टेट में असफल साबित हो रही है। तभी कुणाल उसके जीवन फिर लौट आता है, अब कंपनी का ट्रेनर बनकर। प्रिया उससे बचना चाहती है, पर कुणाल अपनी साजिशों से उसे घेरता है और यहाँ तक कि कंपनी खरीदने का खेल शुरू करता है। घर लौटकर प्रिया अपने परिवार की टूटी हालत देखती है और ठान लेती है कि इस बार वह उन्हें बचाएगी। पुराने रिश्ते की अंगूठी लौटाने का निश्चय करती है, पर तभी उसे तमन्ना का कॉल आता है कि कुछ बड़ी गड़बड़ हो गई है। कहानी नए रहस्य ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 27

(प्रिया रियल एस्टेट में असफल हो रही है, तभी कुणाल उसकी कंपनी का ट्रेनर बनकर लौटता है और चालाकी उसे घेर लेता है। ऑफिस में उसके नाम से बोर्ड देखकर प्रिया हैरान रह जाती है, लेकिन कुणाल इसे अपनी साज़िश का हिस्सा बनाता है। इस्तीफ़ा देने पर भी कॉन्ट्रैक्ट और जुर्माने की शर्त उसे रोक लेती है। ट्रेनिंग सेशन में कुणाल का आत्मविश्वास और प्रभाव देखकर प्रिया उलझन में पड़ जाती है—वह उससे नफ़रत भी करती है और खिंच भी जाती है। कहानी अब रहस्य, शक्ति संघर्ष और भावनात्मक टकराव की ओर बढ़ती है। अब आगे)प्रिया का बदला रूपअगले ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 28

(प्रिया, जो रियल एस्टेट में असफल हो रही थी, कुणाल की चालों में उलझ जाती है। कुणाल ट्रेनर बनकर है और कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों से उसे बाँध लेता है। दोनों के बीच नफ़रत और आकर्षण का टकराव बढ़ता है। एक मीटिंग में अचानक घोषणा होती है कि कंपनी के नए ओनर कुणाल और प्रिया हैं। सबके सामने प्रिया कुणाल की मंगेतर होने की बात स्वीकार कर लेती है। वह अचानक ताक़तवर और चालाक रूप में सामने आती है। तमन्ना से अपमानजनक ढंग से पेश आती है और कुणाल को चौंका देती है। अब स्थिति उलट गई है—जहाँ पहले प्रिया ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 29

(कहानी में प्रिया, जो रियल एस्टेट में असफल हो रही थी, कुणाल की चालों में उलझती है। कुणाल ट्रेनर लौटता है और कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों से उसे बाँधता है। ऑफिस में मीटिंग के दौरान अचानक घोषणा होती है कि कंपनी के नए ओनर कुणाल और प्रिया हैं। प्रिया सबके सामने कुणाल की मंगेतर होने की बात स्वीकार करती है और अपनी ताक़त और चालाकी दिखाती है। अपमानजनक सवालों और तानों के बावजूद वह खुद को कमजोर नहीं होने देती। कुणाल और प्रिया के बीच नफ़रत और मोहब्बत का टकराव गहराता है। प्रिया गुस्से और दर्द में दरवाज़ा छोड़कर निकल ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 30

(प्रिया कुणाल के जुनून और चालों में फँसती जाती है। वह उसे रोकने की कोशिश करती है, मगर कुणाल सम्मान से रिश्ता पक्का करने घर पहुँच जाता है और परिवार के सामने प्रिया को स्वीकार करने पर मजबूर करता है। वैभव और कुमुद नाराज़ होते हैं, पर रिया प्रिया को समझाती है कि कुणाल का प्यार सच्चा है और उसने हमेशा सम्मान दिया। इसी बीच ललिता और आदित्य घर पहुँचते हैं। कुमुद साफ कहती है कि रिया की शादी आदित्य से नहीं होगी। ललिता प्रिया को बहू मानने को राज़ी होती है, क्योंकि उसे विश्वास है कि प्रिया द्वारा ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 30

(प्रिया अपने परिवार के सम्मान और कुणाल के प्यार के बीच उलझी है। वैभव उसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित क्योंकि ललिता ने जेल में बंद टोनी को छुड़ा लिया है, जो पहले प्रिया से जबरन शादी करना चाहता था। वैभव डरता है कि यह शादी किसी साजिश का हिस्सा न हो। वहीं प्रिया परिवार को भरोसा देने की कोशिश करती है कि वह कमजोर नहीं है। ऑफिस में प्रिया कुणाल से अपने प्यार का इजहार करती है और कुणाल अब चेताता है कि वह उसे खुद से कभी दूर नहीं होने देगा। दोनों सब भूलकर गले लगते हैं। अब ...और पढ़े

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ओ मेरे हमसफर - 31

(प्रिया अपने परिवार की इज़्जत और कुणाल के प्यार के बीच फँसी है। ललिता द्वारा टोनी को छुड़ाने से उसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित है। दूसरी ओर, प्रिया अपने करियर में खुद की पहचान बनाना चाहती है। रिया IAS की पढ़ाई कर रही है, जिसका राज़ प्रिया ने कुणाल से छिपा रखा है। गलती से बात खुलने पर प्रिया का गुस्सा कुणाल को ठेस पहुँचाता है। कुणाल उम्मीद करता है कि प्रिया उसे रोकेगी, पर वह चुप रहती है। कहानी वहीं से मोड़ लेती है, जहाँ दिल और जिम्मेदारी आमने-सामने खड़े हैं। अब आगे)अनकही बातेआज प्रिया जल्दी उठकर तैयार ...और पढ़े

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