एक आलिशान विला, सुबह के 8 बजे, विला के सभी नौकर अपने-अपने कामों में व्यस्त है। वही दूसरी तरफ सीढियों से एक 52 वर्ष के व्यक्ति फोर्मल सूट पहने हुए नीचे डाईनिंग एरिया की तरफ जा ही रहे होते है कि तभी उनके फोन पर रिषभ नाम के आदमी का मैसेज आता हैं(यह व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि शहर के जाने-माने Businessman अभिमन्यु सिंह राजपुत हैं। इनके नाम के चर्चे पूरे बैंगलुरु में हैं)।उस मैसेज को पढ़कर Mr. राजपुत हड़बडा़हट में विला से बाहर जाकर अपनी गाडी़ से कहीं चले जाते हैं।
सम्राट- अपने सच से अनजान - 1
बैंगलुरु,एक आलिशान विला,सुबह के 8 बजे, विला के सभी नौकर अपने-अपने कामों में है। वही दूसरी तरफ सीढियों से एक 52 वर्ष के व्यक्ति फोर्मल सूट पहने हुए नीचे डाईनिंग एरिया की तरफ जा ही रहे होते हैकितभी उनके फोन पर रिषभ नाम के आदमी का मैसेज आता हैं(यह व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि शहर के जाने-माने Businessman अभिमन्यु सिंह राजपुत हैं। इनके नाम के चर्चे पूरे बैंगलुरु में हैं)।उस मैसेज को पढ़कर Mr. राजपुत हड़बडा़हट में विला से बाहर जाकर अपनी गाडी़ से कहीं चले जाते हैं। वहीं नैना जी (Mr. Rajput ...और पढ़े
सम्राट- अपने सच से अनजान - 2
जैसे ही विजय सम्राट के कमरे के बाहर पहुँचता है तो वो बाहर खडा़ होकर कुछ सोचता है और के मारे कमरे पर दस्तक देता है और बोलता है- भाईसाहब, माँ आपको नीचे बुला रही है। आप जल्दी से नीचे आ जाईए। यह कहकर विजय जल्दबाजी में नीचे डा़ईनिंग एरिया में चला जाता है और बिना कुछ बोले जाकर वापिस अपना नाश्ता करने लगता है। यह सब देखकर नैना जी, वियांशी और प्रीत एक-दूसरे का मुँह देखने लगती है। नैना जी विजय से सम्राट के बारे में पूछने ही वाली थी कि वो देखती है सीढियों से एक 25 ...और पढ़े
सम्राट- अपने सच से अनजान - 3
पिछली कहानी में हमने पढा़ था कि प्रीत, विजय और वियांशी इंदौर की एक मशहूर यूनिवर्सिटी में अपना एड़मिशन आए थे। वे तीनों जब प्रिंसिपल से मिलकर ओफिस से बाहर निकलते है तो प्रीत अचानक किसी से टकरा जाती हैं।अब आगे........... प्रीत जैसे ही सामने से आ रहे अजनबी से टकराती है तो उसके (सामने वाले व्यक्ति के) हाथ में कुछ पेपर्स थे जो टक्कर की वजह से ज़मीन पर बिखर जाते हैं। प्रीत और वो अजनबी अब ज़मीन पर बिखरे पेपर्स उठाने लगते हैं। प्रीत जैसे ही पेपर्स इकट्ठे करके खडी़ होती ...और पढ़े
सम्राट- अपने सच से अनजान - 4
पिछली कहानी में हमने पढा़ था कि यूनिवर्सिटी में प्रीत की मुलाकात आयांशी से होती हैं। बातों ही बातों उनकी अच्छी दोस्ती हो जाती है।अब आगे........... सम्राट के कॉल रिसीव न करने पर प्रीत कुछ सोचने लग जाती है तभी उसके फोन पर सम्राट का कॉल आ जाता है और प्रीत कॉल रिसीव करती है। प्रीत- भाईसाहब, आप कहाँ पर हो?? आपकी मीटिंग खत्म हो गयी क्या?? तभी सम्राट- हाँ, मेरी मीटिंग खत्म हो गयी हैं। मैं अभी वहीं आ रहा हूँ! तुम लोग वहीं रुकना। यह कहकर सम्राट कॉल कट कर देता ...और पढ़े
सम्राट- अपने सच से अनजान - 5
पिछली कहानी में हमने पढा़ था कि यूनिवर्सिटी के कैन्टिन के बाहर आयांशी और सम्राट की टक्कर हो जाती आयांशी टक्कर हो जाने की वज़ह से सम्राट को गुस्से में बहुत कुछ सुना देती है। आखिरी में सम्राट के चेहरे पर आयांशी को देखकर एक स्माईल आ जाती हैं।अब आगे........... आयांशी को हँसता देख सम्राट के चेहरे पर एक स्माईल आ जाती हैं। सम्राट को ऐसे स्माईल करता देख प्रीत, विजय और वियांशी शौक्ड़ हो जाते हैं क्योंकि आज तक सम्राट ने किसी भी लड़की की तरफ नहीं देखा था। आयांशी ...और पढ़े
सम्राट- अपने सच से अनजान - 6
पिछली कहानी में हमने पढा़ था कि आयांशी प्रीत को कॉल करके बताती है कि वो उससे मिलने आ हैं।यह सुनकर सम्राट के चेहरे पर डे़विल स्माईल आ जाती हैं।अब आगे........... सम्राट के जाने के एक घंटे बाद प्रीत को आयांशी का कॉल आता है और वो बताती है कि वो राजपुत विला पहुँचने ही वाली हैं। यह सुनकर प्रीत अपने कमरे से नीचे हॉल में आ जाती हैं। तभी उसे घर के बाहर किसी गाडी़ के आकर रुकने की आवाज आती है। वो आवाज सुनकर विजय, वियांशी और नैना जी भी अपने कमरे ...और पढ़े
सम्राट- अपने सच से अनजान - 7
पिछली कहानी में हमने पढा़ कि आयांशी प्रीत से मिलने उसके विला आती है और वो उसके कमरे के बने एक और कमरे के नजारे को देखकर शोक्ड़ हो जाती हैं।अब आगे.......... आयांशी उस आलिशान कमरे के अन्दर जाती है पर सामने का नजारा देखकर उसे उसकी आँखों पर विश्वास नहीं होता हैं। वो देखती है कि वो एक बडा़ स्टडी़ रुम था और उस रुम की एक वॉल पर आयांशी की एक बहुत बडी़ व सुन्दर तस्वीर लगी हुई थी। आयांशी उस तस्वीर को उस कमरे में देखकर एकदम शोक्ड़ हो जाती हैं। वो प्रीत को इस ...और पढ़े
सम्राट- अपने सच से अनजान - 8
पिछली कहानी में हमने पढा़ कि आयांशी गलती से सम्राट के स्टडी़ रूम में चली जाती है और वहाँ दिवार पर अपनी तस्वीर देखकर शोक्ड़ हो जाती हैं।अब आगे...... सम्राट कमरे से चला जाता है पर आयांशी अभी भी वहीं एक मूर्ति की तरह खडी़ थी। तभी पीछे से उसे अपने कंधे पर किसी का हाथ महसूस होता है जिससे वो थोडी़ ड़र जाती हैं। वो थोडी़ हिम्मत जुटाकर पीछे मुड़ती है तो देखती है कि वो हाथ तो प्रीत का था। ये देख उसकी साँस में साँस आती है। आयांशी- प्रीत तुम ...और पढ़े
सम्राट- अपने सच से अनजान - 9
पिछली कहानी में हमने पढा़ कि सम्राट और आयांशी की एक बार फिर मुलाकात होती हैं।अब आगे....... आयांशी अपनी कार में बैठकर राजपुत विला से चली जाती है पर सम्राट अभी भी वहीं खडा़ था। आयांशी के जाने के बाद सम्राट विला के अंदर आता है तो वो देखता है कि प्रीत और नैना जी उसे एक श़क की नज़र से देख रहे थे। पर सम्राट उन्हें ऐसे देखकर वहाँ से अपने कमरे में चला जाता हैं। सम्राट को ऐसे जाते देख नैना जी और प्रीत एक-दूसरे को ही देखे जा रही थीं।आयांशी का ...और पढ़े
सम्राट- अपने सच से अनजान - 10
पिछली कहानी में हमने पढा़ कि प्रीत आयांशी को कॉल करके उसे विजय और वियांशी के बर्थडे़ पार्टि में के लिए राजपुत विला बुलाती हैं।अब आगे.......... आयांशी रेडी़ होकर राजपुत विला पहुँचती है और वो जैसे ही वो अन्दर जाती है तो वो सामने का नजा़रा देखकर शोक्ड़ हो जाती हैं। आयांशी देखती है कि राजपुत विला अन्दर से एक दुल्हन की तरह सजा हुआ था। चारों तरफ़ रंग-बिरंगे फ्लॉर्स और बैलून्स लगे हुए थे और कलरफूल लाईट्स वहाँ की सुन्दरता को ओर बढा़ रही थीं। ये सब देख आयांशी के फेस ...और पढ़े
सम्राट- अपने सच से अनजान - 11
पिछली कहानी में हमने पढा़ कि.......... आयांशी राजपुत विला में जाकर सबसे मिलती है पर तभी घर लाईट चली जाती है और जैसे ही लाईट आती है तो आयांशी खुद को एक कमरे में पाती हैं।अब आगे............. सम्राट गुस्से में आयांशी के हाथ को पीछे की तरफ पकड़कर जोर से दबा देता है जिससे आयांशी को बहुत दर्द होता हैं। उस दर्द की वजह से उसकी आँखों में आँसू आ जाते हैं। आयांशी की आँखों में आँसू आते देख सम्राट को एक अजीब ही ...और पढ़े
सम्राट- अपने सच से अनजान - 12
पिछली कहानी में हमने पढा़ कि आयांशी सम्राट से जैसे-तैसे बचकर नीचे हॉल में आती है कि तभी प्रीत किसी से मिलने के लिए बुलाती हैं।अब आगे......... प्रीत आयांशी से बोलती है कि चल मैं तुझे किसी खास इंसान से मिलवाती हूँऔर वो आयांशी का हाथ पकड़कर अपने साथ ले जाती हैं।प्रीत आयांशी को एक 40 साल के हठ्ठे-कठ्ठे आदमी के सामने ले जाती है।और आयांशी से बोलती हैं- आयांशी, ये है मेरे मामाजी Mr. सूर्यप्रतात सिंह। जिस कॉलेज में हमने एड़मिशन लिया है ये उस कॉलेज के Charity member हैं। और मामाजी ये है मेरी फ्रेन्ड़ आयांशी।आयांशी- नमस्ते ...और पढ़े
सम्राट- अपने सच से अनजान - 13
पिछली कहानी में हमने पढा था की प्रीत आयांशी को उसके मामाजी से मिलवाती है पर बाद में पता है कि वो तो आयांशी के पापा के बचपन के दोस्त हैं। अब आगे.................. सम्राट जब अभिमन्यु को आयांशी का हाथ पकड़े देखता है तो गुस्सा हो जाता है और पास वाली टेबल पर अपना हाथ मारता है जिससे सबका ध्यान उसकी तरफ जाता है। प्रीत जल्दी से सम्राट के पास जाती है और देखती है कि सम्राट के हाथ से खून निकल रहा होता है। विजय जल्दी से फर्स्ट एड बॉक्स लेकर आता है और प्रीत को दे ...और पढ़े
सम्राट- अपने सच से अनजान - 14
पिछली कहानी में हमने पढा कि आयांशी कुछ पेपर्स लेकर राजपूत विला आती हैं। बाद में उसे पता चलता कि वो पेपर्स सम्राट ने मंगवाए थे।अब आगे.......... आयांशी डरती हुई सीढ़ियों पर चढ़ती हैं और मन ही मन प्रार्थना कर रही होती हैं कि आज कुछ गड़बड़ ना हो। तब वो सम्राट के कमरे के बाहर जाकर खड़ी हो जाती हैं। वो दरवाजा नोक करना चाहती थी पर वो मन ही मन बहुत डर रही होती हैं। वो थोड़ी हिम्मत जुटाती हैं और दरवाजा नोक करती हैं। पर अंदर से कोई जवाब नहीं आता हैं। तब वो वापिस ...और पढ़े