डिस्को का माहौल गर्म था, म्यूजिक की तेज़ धुन में लोग मस्ती के रंग में रंगे हुए थे। लेकिन एक लड़की थी, जो बाकी सब से बिल्कुल अलग दिख रही थी। उसका नाम था सनजना, और वो किसी अप्सरा जैसी लग रही थी। ब्लैक कलर की वन पीस ड्रेस में, वो डांस फ्लोर पर जैसे आग लगा रही थी। उसके हर एक मूव में कुछ खास था, जैसे वो नाचते हुए पूरे डिस्को में अपनी मौजूदगी महसूस करा रही हो। हर किसी की निगाहें उसकी ओर आकर्षित हो रही थीं, और सब के दिल उसी पल धड़कने लगे थे।

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Kurbaan Hua - Chapter 1

डिस्को का माहौल गर्म था, म्यूजिक की तेज़ धुन में लोग मस्ती के रंग में रंगे हुए थे। लेकिन लड़की थी, जो बाकी सब से बिल्कुल अलग दिख रही थी। उसका नाम था सनजना, और वो किसी अप्सरा जैसी लग रही थी। ब्लैक कलर की वन पीस ड्रेस में, वो डांस फ्लोर पर जैसे आग लगा रही थी। उसके हर एक मूव में कुछ खास था, जैसे वो नाचते हुए पूरे डिस्को में अपनी मौजूदगी महसूस करा रही हो। हर किसी की निगाहें उसकी ओर आकर्षित हो रही थीं, और सब के दिल उसी पल धड़कने लगे थे।अवनी, लवली ...और पढ़े

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Kurbaan Hua - Chapter 2

उस लड़के के हाथों में एक खास ताकत थी, जैसे वो कोई सुपरहीरो हो। सनजना का दिल जोर-जोर से लगा था। उसकी मासूम आँखों में कुछ था, जो उस लड़के को एक पल के लिए खो जाने को मजबूर कर रहा था। और फिर, जैसे ही लड़के ने उसे अपनी ओर खींचा, सनजना ने देखा, उसकी आँखों में कुछ खास था।सनजना लडके के चेहरे से नकाब हटाने ही वाला थी, लेकिन तभी अचानक उसने उसे एक झटके से दूर किया, और उसका हाथ मजबूती से पकड़ लिया। दोनों एक-दूसरे की आँखों में खो गए थे, जैसे समय रुक गया ...और पढ़े

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Kurbaan Hua - Chapter 3

और फिर लडका सनजना को उठा कर बाथरूम में ले जाकर सीधे पानी से भरे बाथटब में गिरा देता | बाथटब में ठंडा पानी था वो ठंडा पानी जैसे ही सनजना के ऊपर पडा उसका आधा नशा उतर चुका था | उसने तभी लडके को सामने खडे देखा, वो लडका सनजना को उठा कर शावर के नीचे ले जाकर खड़ा कर देता है | सनजना बूदबूदाते हुए बोली कि, छोडो़,लेकिन लडका जब सनजना को शावर के नीचे लेकर खड़ा हो गया तभी उसने शावर ऑन कर दिया | शार का ठंडा पानी सनजना और लडके के ऊपर पडने लगा ...और पढ़े

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Kurbaan Hua - Chapter 4

हर्षवर्धन ने उसके चेहरे को अपनी मजबूत उंगलियों में कैद कर लिया और धीरे-धीरे उसके करीब झुकने लगा। सनजना अपनी साँसें रोक लीं।"डर रही हो?" हर्षवर्धन ने हल्की मुस्कान के साथ पूछा।"तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई?" सनजना ने उसे धक्का देने की कोशिश की, लेकिन हर्षवर्धन ने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया।"तुम जितनी बार भागने की कोशिश करोगी, मैं तुम्हें उतनी ही बार अपने करीब खींच लूँगा," हर्षवर्धन ने फुसफुसाते हुए कहा।सनजना की आँखों में गुस्सा और घबराहट दोनों थे। "तुम मुझे जबरदस्ती अपने पास नहीं रख सकते!""तो फिर मुझे रोक कर दिखाओ!" हर्षवर्धन ने उसकी कमर पर अपनी ...और पढ़े

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Kurbaan Hua - Chapter 5

कमरा अंधेरे में डूबा था। खिड़की से आती हल्की चांदनी बस इतनी थी कि चीज़ों के धुंधले साए दिख हर्षवर्धन ने टीवी की आवाज़ और तेज़ कर दी थी, लेकिन उसकी आँखों के सामने सिर्फ़ एक ही चेहरा था—सनजना का।वो बंद कमरे के अंदर रोते-रोते चुप हो गई थी। ठंड से कांपते हुए उसने खुद को समेट लिया। आँखों में आंसू थे, लेकिन दिमाग में सिर्फ़ सवाल। "आखिर ये शख्स मुझसे इतनी नफरत क्यों करता है?"उधर हर्षवर्धन की मुट्ठियां कस गई थीं। उसने आंखें बंद कीं और लंबी सांस ली।"तुम मेरी ज़िंदगी में आ ही क्यों गई, सनजना?"वो खुद ...और पढ़े

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Kurbaan Hua - Chapter 6

और फिर हर्षवर्धन अलमारी खोल कर उसमें से टावल निकाल कर सनजना के बालों को सूखा ने लगा | को ये अच्छा नहीं लगा उसने हर्षवर्धन से टावल छीनने कि कोशिश करने लगी, हर्षवर्धन भी अपनी ओर टावल को खिंचने लगा | सनजना कोशिश करती रही जिसे देख हर्षवर्धन ने टावल छोड दिया , सनजना ने बाल पोछ कर हर्षवर्धन से कहा, मुझे दूसरे कपड़े चाहिए | हर्षवर्धन ने उसकी आंखों में देखते हुए कहा, अलमारी खोलकर खुद ले लो | सनजना अलमारी खोलते हुए बोली कि, मुझे तुम्हारे कपड़े नहीं पहनने समझे, मैं लडकी हूं मुझे लडकियों वाले ...और पढ़े

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Kurbaan Hua - Chapter 7

हर्षवर्धन ने हल्की मुस्कान के साथ टीवी की तरफ देखा और फिर दोबारा उसकी तरफ झुका, "अरे, तुम ही कह रही थी कि घूरना बंद करूं, तो मैंने बस ऑप्शन दिया।"सनजना ने तकिया उठाकर उसकी तरफ फेंक दिया, "बकवास बंद करो और ठीक से बैठो!"हर्षवर्धन ने तकिया पकड़ लिया और मुस्कुराते हुए कहा, "ठीक से तो मैं तब बैठूंगा जब तुम मेरे पास आकर बैठोगी।""हर्गिज़ नहीं!" सनजना तुरंत पीछे हट गई।हर्षवर्धन ने उसकी ओर देखते हुए धीरे से कहा, "डर रही हो?""मैं... मैं क्यों डरूंगी?" उसने खुद को संभालते हुए कहा।"तो फिर आ जाओ पास," हर्षवर्धन ने मजाकिया लहजे ...और पढ़े

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Kurbaan Hua - Chapter 8

और फिर सनजना खाना खाकर सोने चली गई | लेकिन हर्षवर्धन वापस हाॅल में जाकर बैठ गया उसे सनजना साथ बिताए पलों कि वजह से आज सदियों बाद अच्छा महसूस हो रहा था | वरना तो उस हादसे ने उसे जैसे बेजान ही कर दिया था उसे ना तो कुछ महसूस होता ना ही अच्छा लगता था | अचानक ही हर्षवर्धन सोचते सोचते वही सो गया | तभी हर्षवर्धन को सपने में एक लड़की दिखाई थी, वो लड़की हंस रही थी हर्षवर्धन भी उसे बातों प्यार कर रहा था | तभी लड़की को एक गोली लगी जिसे देख हर्षवर्धन ...और पढ़े

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Kurbaan Hua - Chapter 9

संजना की गुमशुदगी और बढ़ती चिंतारात भर जागने के बाद भी सुबह होते ही सुषमा मासी की आंखों में राहत नहीं थी। वह संजना के इंतजार में बेचैन बैठी थीं। कमरे में घुप्प सन्नाटा था, लेकिन चिंता की लहरें हर एक चेहरे पर साफ दिख रही थीं। संजना की तीनों सहेलियाँ – लवली, मिताली और अवनी – भी उसी चिंता में डूबी हुई थीं।"अगर साहब को पता चला कि संजना अभी तक घर नहीं आई, तो वह पता नहीं क्या करेंगे," सुषमा मासी की आवाज कांप उठी। उनके माथे पर चिंता की लकीरें और गहरी हो गईं। संजना के ...और पढ़े

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Kurbaan Hua - Chapter 10

सपने और हकीकत की उलझनसुषमा मासी ने जैसे ही दरवाजा खोला, उनका दिल जोर से धड़क उठा। सामने जो खड़ा था, उसे देखते ही उनके चेहरे का रंग उड़ गया। कुछ पलों तक तो वो बस टकटकी लगाए देखती रह गईं, मानो यकीन न कर पा रही हों कि ये सच में हो रहा है। उन्होंने ध्यान से देखा, तो पाया कि यह कोई और था—किसी अजनबी की शक्ल संजना के डैड से काफी मिलती-जुलती थी, लेकिन वो नहीं थे।सुषमा मासी की घबराहट थोड़ी कम हुई, लेकिन दिमाग में सवाल घूमने लगे—आखिर यह इंसान कौन है? और यहां क्या ...और पढ़े

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