अजनबी रास्तों के हमसफ़र शाम ढल चुकी थी। सड़क किनारे लगी स्ट्रीट लाइट्स अपनी पीली रोशनी बिखेर रही थीं, और ठंडी हवा हल्के-हल्के चल रही थी। मेहुल: "हेलो मिस, आप यहाँ अकेले क्या कर रही हो? आपको ऐसे यहाँ अकेले नहीं घूमना चाहिए। आपका कोई रिश्तेदार है क्या?" रेनी: (हल्की मुस्कान के साथ) "ओह, हेलो! आप अजनबियों से ऐसे ही बातें करने लगते हैं, मेहुल? वैसे, हाँ, मैं यहाँ अकेली ही घूम रही हूँ… कभी-कभी अकेले रहना अच्छा लगता है।" मेहुल ने देखा कि उसकी आँखों में सुकून था, लेकिन शायद कोई अनकहा दर्द भी छिपा था। हवा में हल्की ठंडक थी, और स्ट्रीट लाइट की रोशनी उसकी मासूमियत को और निखार रही थी।

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खोए हुए हम - 1

एपिसोड 1: अजनबी रास्तों के हमसफ़रशाम ढल चुकी थी। सड़क किनारे लगी स्ट्रीट लाइट्स अपनी पीली रोशनी बिखेर रही और ठंडी हवा हल्के-हल्के चल रही थी।मेहुल: "हेलो मिस, आप यहाँ अकेले क्या कर रही हो? आपको ऐसे यहाँ अकेले नहीं घूमना चाहिए। आपका कोई रिश्तेदार है क्या?"रेनी: (हल्की मुस्कान के साथ) "ओह, हेलो! आप अजनबियों से ऐसे ही बातें करने लगते हैं, मेहुल? वैसे, हाँ, मैं यहाँ अकेली ही घूम रही हूँ… कभी-कभी अकेले रहना अच्छा लगता है।"मेहुल ने देखा कि उसकी आँखों में सुकून था, लेकिन शायद कोई अनकहा दर्द भी छिपा था। हवा में हल्की ठंडक थी, ...और पढ़े

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खोए हुए हम - 2

एपिसोड 02: अंधेरे से रोशनी तकहॉस्पिटल के बाहर हलचल मची हुई थी। कुछ ही पलों पहले जो हादसा हुआ उसकी गूँज अब भी लोगों के बीच सुनाई दे रही थी। सड़क पर अब भी कुछ टूटे हुए कांच के टुकड़े और खून के धब्बे पड़े थे। लेकिन लोगों की चर्चा का केंद्र कुछ और था—वो काली बिल्ली, जो ऐन वक्त पर सामने आकर खड़ी हो गई और ना जाने कितने लोगों की जान बचा गई।मेहुल और रेनी अभी भी इस घटना के सदमे में थे। डीगू—हां, उन्होंने इस बहादुर बिल्ली का नाम डीगू रख दिया था। रेनी ने उसे ...और पढ़े

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खोए हुए हम - 3

खोए हुए हम – एपिसोड 3"Silent Shore" की वापसीशाम के हल्के नारंगी आसमान के नीचे, हवा में एक जानी-पहचानी थी। वही पुराना रास्ता, वही समुद्र की धीमी लहरें और वही जगह—जिसे अब मेहुल और रेनी ने "Silent Shore" नाम दिया था। यह वही जगह थी जहाँ पहली बार मेहुल और रेनी की मुलाकात हुई थी। लेकिन इस बार, यह सिर्फ एक इत्तेफाक नहीं था। वे जानबूझकर यहाँ आए थे।रेनी ने हल्की मुस्कान के साथ हवा को अपने चेहरे पर महसूस किया। "कितना अजीब लगता है न? जैसे समय यहाँ ठहर सा गया हो... कुछ भी बदला नहीं।"मेहुल ने उसकी ...और पढ़े

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खोए हुए हम - 4

घर वालो का इंट्रोसुबह की पहली किरण जब मेहुल के कमरे की खिड़की से अंदर आई, तो उसने करवट और अलार्म बंद कर दिया। घर में हलचल शुरू हो चुकी थी। किचन से उसकी मम्मा के बर्तन रखने की आवाज़ आ रही थी और पापा अखबार पढ़ रहे थे।"मेहुल, बेटा! उठ गया?" मम्मा ने आवाज़ दी।"हाँ मम्मा, बस अभी उठा।" वह बिस्तर से उठा और खिड़की से बाहर देखा। शहर की सुबह एक अलग एहसास लिए होती है, और आज का दिन तो वैसे भी खास था। उसे रेनी से Silent Shore पर मिलना था।वह फ्रेश होकर डाइनिंग टेबल ...और पढ़े

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खोए हुए हम - 5

एपिसोड 1: पहली मुलाकात – Silent Shoreशाम के हल्के सुनहरे रंग में डूबी हुई सड़क। एक तरफ शांत समुद्र, तरफ पेड़ों की कतार। हल्की ठंडी हवा बह रही थी, जो हर बीते लम्हे को थोड़ा और धीमा कर रही थी।मैंने बाइक किनारे रोक दी। ये वही जगह थी, "Silent Shore" – जहाँ शोर भी चुप हो जाता है। मैं अक्सर यहाँ आता हूँ, अकेला। पर आज कुछ अलग था।मैंने हेलमेट उतारा और आँखें बंद कर लीं। ऐसा लगा जैसे वक़्त थम गया हो। और फिर...मेहुल: अरे कौन हो तुम और यह क्या कर रही हो? और आप यहाँ बिल्कुल ...और पढ़े

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खोए हुए हम - 6

खोए हुए हम – एपिसोड 6सर्दियों की सुबह की हल्की धूप खिड़की से छनकर अंदर आ रही थी। निशा के पास बैठी थी, उसकी नजरें कहीं दूर, बहुत दूर खोई हुई थीं। मन में कई सवाल चल रहे थे—क्या अyaan भी उसे याद करता होगा? क्या उसकी यादों में भी वही तड़प होगी, जो वह हर पल महसूस कर रही थी?पिछली रात आयान का मैसेज आया था—"कैसी हो? बहुत दिन हो गए तुमसे बात किए हुए।" निशा ने कई बार उस मैसेज को देखा लेकिन जवाब देने की हिम्मत नहीं जुटा पाई।आखिरकार, उसने धीरे-धीरे टाइप किया—"ठीक हूँ। तुम कैसे ...और पढ़े

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खोए हुए हम - 7

एपिसोड 7: अधूरी बातें, अनकही बातेंरात का समय था। Silent Shore अब भी वैसा ही था, बस इस बार कोई नहीं था। सड़क के किनारे लगी स्ट्रीट लाइट्स की हल्की रोशनी समुद्र की लहरों पर पड़ रही थी, और हवा पहले से ज़्यादा ठंडी लग रही थी।मेहुल अब भी वहीं खड़ा था, जहाँ कुछ घंटे पहले वह रेनी से मिला था। लेकिन इस बार उसके दिमाग में सिर्फ़ रेनी नहीं थी—वह अनजान लड़की भी थी।अनजान लड़की: कभी-कभी हम जिस चीज़ से भाग रहे होते हैं, वही हमें बार-बार मिल जाती है...उसके कहे ये शब्द बार-बार मेहुल के कानों में ...और पढ़े

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खोए हुए हम - 8

खोए हुए हम – किसी तीसरे की आने की बारी एपिसोड 8निशा और अयान के बीच सब कुछ धीरे-धीरे हो रहा था। पुरानी गलतफहमियाँ कम हो रही थीं, और दोनों एक-दूसरे को फिर से समझने लगे थे। लेकिन इस कहानी में अब एक नया मोड़ आने वाला था—ऋत्विक की एंट्री।ऋत्विक, एक आकर्षक और चतुर व्यक्ति, जो पहली नजर में बहुत ही सुलझा हुआ और समझदार लगता था। उसकी बातें किसी को भी प्रभावित कर सकती थीं, और यही उसकी सबसे बड़ी ताकत थी। लेकिन उसके दिल में जो खेल चल रहा था, वो सिर्फ वही जानता था।ऋत्विक की मुलाकात ...और पढ़े

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खोए हुए हम - 9

खोए हुए हम - एपिसोड 9अयान बिस्तर पर बैठा था, उसकी आंखों में एक अजीब सा खालीपन था। निशा व्यवहार पिछले कुछ दिनों में पूरी तरह बदल चुका था। वह पहले जितनी प्यार से उससे बात करती थी, अब उतनी ही ठंडी और अजनबी लग रही थी। अयान को समझ नहीं आ रहा था कि अचानक ऐसा क्या हुआ, जिसने उसकी और निशा की खुशहाल दुनिया को हिला कर रख दिया।इसी बीच, रेनी और मेहुल अयान से मिलने उसके घर आए। उन्होंने अयान को इस हाल में देखा तो दोनों चिंतित हो उठे।"अयान, क्या चल रहा है? तुम इतने ...और पढ़े

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खोए हुए हम - 10

"खोए हुए हम" – एपिसोड 10ऋत्विक की नई साजिशऋत्विक को अब यकीन हो चुका था कि निशा पूरी तरह उसकी मुट्ठी में आ चुकी है। लेकिन एक चीज़ उसे अभी भी परेशान कर रही थी—अयान! जब तक अयान उसकी राह में था, तब तक उसका खेल पूरा नहीं हो सकता था। उसे अयान को रास्ते से हटाना था, और इसके लिए उसे निशा के दिल में नफरत भरनी थी।उसने एक शातिर चाल चली। उसने निशा के मोबाइल पर कुछ फेक चैट्स भेजी, जिसमें ऐसा लग रहा था कि अयान किसी और लड़की के साथ रिश्ते में है। साथ ही, ...और पढ़े

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खोए हुए हम - 11

**खोए हुए हम - एपिसोड 11**निशा की आँखों में अनगिनत सवाल थे, लेकिन जवाब ढूँढना अब मुश्किल होता जा था। ऋत्विक ने धीरे-धीरे अपनी जगह बना ली थी, और अयान से दूर जाने की उसकी योजना अब अपने चरम पर थी। निशा के मन में कशमकश थी, लेकिन ऋत्विक की मीठी बातों और उसके दिए गए झूठे सबूतों ने उसकी सोचने की शक्ति को कमजोर कर दिया था।### **अयान की बेचैनी**अयान को निशा के बदले हुए व्यवहार का एहसास होने लगा था। वह जानता था कि कोई न कोई बात जरूर हुई है जो उसे उससे दूर ले जा ...और पढ़े

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