ये एक ऐसी प्रेम कहानी है जो साथ, समर्पण और त्याग की मसाल कायम करती है जो वास्तव मे प्रेम किसे कहते है वो सिखाती है। " ये कहानी स्कूल के उन दिनों की है जब मे स्कूल मे कक्षा ग्यारहवी मे पढ़ रहा था। तब मेरी पहली बार किसी लडकी के साथ दोस्ती हुवी थी। इसके पहले कोई भी लडकी मेरी दोस्ती नही बनी क्युकी मे खुद पढाई मे इतना खोया सा रहता की कभी ध्यान ही नही दिया की क्लास मे लड़किया भी पढ़ती है ! एक बार मे क्लास मे प्रोजेक्ट बना रहा था तब एक लडकी मेरे पास आई और मेरी आँखों मे आँखे डाल कर मुझसे बात करने लगी पहली बार मैने किसी की आँखों मे देखा था। क्या ही अलग सा वो एहसास था। लेकिन मैने उसे थोड़ा सा नजर अंदाज किया फिर अपने काम मे लग गया।
Krick और Nakchadi - 1
ये एक ऐसी प्रेम कहानी है जो साथ, समर्पण और त्याग की मसाल कायम करती है जो वास्तव मे किसेकहते है वो सिखाती है।" ये कहानी स्कूल के उन दिनों की है जब मे स्कूल मे कक्षा ग्यारहवी मे पढ़ रहा था। तब मेरी पहली बार किसी लडकी के साथ दोस्ती हुवी थी। इसके पहले कोई भी लडकी मेरी दोस्ती नही बनी क्युकी मे खुद पढाई मे इतना खोया सा रहता की कभी ध्यान ही नही दिया की क्लास मे लड़किया भी पढ़ती है ! एक बार मे क्लास मे प्रोजेक्ट बना रहा था तब एक लडकी मेरे पास ...और पढ़े
Krick और Nakchadi - 2
" कहानी मे अब क्रिक और नकचडी की दोस्ती प्रेम मे बदल गई थी। क्रिक को तो यही लगता की अगर मेरी किस्मत मे नकचडीका प्रेम है तो वो मुझे मिल ही जायेगी अगर नही है तो कितनी भी कोशिस कर लू हम दूर ही हो जायेंगे। यहाँ पर नकचडी क्रिक को ही अपने सपनो का राजकुमार मानती थी। वो क्रिक को ही अपना जिवन साथी मान ने लगी थी। स्कूल मे वो मुझसे मिलने के बहुत से बहाने ढूंढती रहती थी और मे भी बहाने ढूंढता थाजैसे की अगर हमारे क्लास मे कोई पार्टी सेमिनार या कुछ भी ...और पढ़े