कोई अच्छा लगे तो....

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महेश्वर में देखा उसे। मैरून रंग की चंदेरी साड़ी पहनी हुई थी जिस पर सुनहरी बिंदियां थीं और किनारी जरी बॉर्डर की थी। बहुत ही प्यारी साड़ी थी। असल में साड़ी की ही वजह से मेरा ध्यान उस पर गया था। मैंने एक दुकान से ही निकलते देखा था उसे। मन हुआ कि पूछू कि कहां से ली है साड़ी... चंदेरी से या महेश्वर से ही। यहां भी बहुत सारी दुकानें हैं। मां के लिए एक साड़ी खरीदना चाहता था मैं। इंदौर राज्य के अंतिम शासक महाराजा यशवंतराव होल्कर के इकलौते पुत्र युवराज रिचर्ड ने 'रेवा सोसाइटी' नामक एक संस्था का निर्माण किया जो आज भी महेश्वर किले में ही महेश्वरी साड़ियां बनाती है। साड़ियां बनते में कल देख भी आया था।

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कोई अच्छा लगे तो.... - 1

महेश्वर में देखा उसे। मैरून रंग की चंदेरी साड़ी पहनी हुई थी जिस पर सुनहरी बिंदियां थीं और किनारी बॉर्डर की थी। बहुत ही प्यारी साड़ी थी। असल में साड़ी की ही वजह से मेरा ध्यान उस पर गया था। मैंने एक दुकान से ही निकलते देखा था उसे। मन हुआ कि पूछू कि कहां से ली है साड़ी... चंदेरी से या महेश्वर से ही। यहां भी बहुत सारी दुकानें हैं। मां के लिए एक साड़ी खरीदना चाहता था मैं। इंदौर राज्य के अंतिम शासक महाराजा यशवंतराव होल्कर के इकलौते पुत्र युवराज रिचर्ड ने 'रेवा सोसाइटी' नामक एक संस्था ...और पढ़े

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कोई अच्छा लगे तो.... - 2

सुबह जलेश्वर मंदिर के लिए निकला। जलेश्वर मंदिरभगवान शिव को समर्पित पहाड़ी पर स्थित है। यहांसे महेश्वर नदी और नदी का भी संगम देखा जासकता है। नर्मदा के किनारे एक छोटे से रास्ते से होतेहुए मैं अपनी सोच में मग्न चल रहा था। मन में उसी काख्याल बसा हुआ था। तभी किसी की सुरीली आवाजसुन पीछे मुड़कर देखा तो दिल की धड़कनों ने एकमीठी संगति देनी शुरू कर दी। वही थी। एक बच्चा जोस्कूल जा रहा था, उसी से बात कर रही थी। फिर पर्समें से टॉफियां निकाल कर उसकी हथेलियां में भर दीं।आज उसने नीले रंग की कुर्ती ...और पढ़े

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