नागिन और रहस्यमयि दुनिया

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देविका, एक सरल और मासूम लड़की है, जो शांतिपूर्ण जीवन जीती है। हालाँकि, पाँच साल की उम्र में, एक जीवन-परिवर्तनकारी घटना घटती है, जो भविष्य में उसके नागिन (नागिन देवी) में बदलने की भविष्यवाणी करती है। दक्ष, एक आकर्षक नाग (नागिन), देविका से बहुत प्यार करने लगता है, और हर बीतते दिन के साथ उनका बंधन मजबूत होता जाता है। लेकिन उनके आनंदमय जीवन में एक वेयरवोल्फ द्वारा खलल डाला जाता है, जो उनके जीवन में कहर बरपाता है। अपनी बहादुरी के बावजूद, देविका वेयरवोल्फ की चालाकी और ताकत का मुकाबला नहीं कर सकती। ज

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नागिन और रहस्यमयि दुनिया - 1

वैसे तो इस संसार में अरबों आकाशगंगाएं हैं उन सभी आकाशगंगाओं में से एक हैं हमारीआकाशगंगा (मिल्कीवे) इसी आकाशगंगा एक छोटा सा हिस्सा है हमारा ग्रह पृथ्वी, इसीपृथ्वी के अंदर बहुत सारे देश में से एक है भारत।भारत के एक छोटे से राज्य सिक्किम में रहने वाली लड़की हैदेविका। उसका गाँव बहुत छोटा और सुंदर है लेकिन गाँव में संसाधनों की बहुत कमी है। पढ़ाई के लिए आस पास कोई अच्छा स्कूल नहीं था और कोई अस्पताल या क्लिनिक भी नहीं। इन सभी चीजों के चलते, और लोगों की पुरानी विचारधारा की वजह से लड़कियों का पढ़ना ज्यादा उचित ...और पढ़े

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नागिन और रहस्यमयि दुनिया - 2

नागराज और उनसे जुडा रहस्यदेविका के पिताजी मोहन लाल मंदीर क्यों जातें हैं?? देविका के पिताजी मंदिर जाते समय घबराए हुए और डरे हुए थे क्योंकि देविका के सवालों ने अतीत के पन्नों को फिर से देखने के लिए उन्हें मजबूर कर दिया था। वे मंदिर की तरफ जाते हुए बहुत सारी अतीत की बातें सोच रहे हैं जिनमें से एक था मोहन लाला के परममित्र नागराज की मणि का रहस्य और देविका के आने वाले भविष्य की कड़ी भी इसी राज के साथ जुड़ी हुई ...और पढ़े

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नागिन और रहस्यमयि दुनिया - 3

क्या देविका भी नागिन है..तपस्या की रात से एक दिन पहले देविका के पिता जी और देविका मंदिर गए देविका के पिताजी को कुछ काम से बाहर जाना था परिवार में केवल देविका और मोहनलाल ही थे। देविका की माँ की मृत्यु देविका के जन्म के कुछ दिन बाद ही हो जाती है। अब देविका को उसके पिता जी ही संभालते हैं। पूर्णिमा की रात से पहले देविका के पिताजी, पंडितजी यानी नागराज को बताते हैं कि उनको कुछ काम से बाहर जाना ...और पढ़े

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नागिन और रहस्यमयि दुनिया - 4

नागराज का पत्र मोहन लाल के नाम.नागराज के पास अगले 24 घंटे ही बचे थे। क्योंकि 24 घंटों के वह अब अगले 20 साल तक केवल सांप के रूप में ही रहेंगे। नागराज को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह बहुत परेशान हो गए और अपना सर पकड़ कर बैठ गए। नागराज अपने मित्र को इस बारे में बताना चाहते थे लेकिन मोहन लाल अभी कुछ दिनों के लिए बाहर गए थे तो नागराज के पास कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था। तभी नागराज की नजर सामने एक किताब पर पड़ी जिसके ...और पढ़े

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