तुम्हारा ही खून है

(3)
  • 5.4k
  • 1
  • 2.5k

नोट - यह कहानी एक औरत की है जो निर्दोष होते हुए भी गलती से चरित्रहीन समझ ली जाती है . मनीष और दीपा दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे . मनीष 12 वीं कक्षा में था और दीपा उस से एक साल नीचे 11 वीं कक्षा में . दोनों एक दूसरे को पसंद करते थे और भविष्य में अपना घर बसाने के सपने संजोए थे . दोनों एक ही जाति के थे और दोनों के परिवार में दोस्ती थी . इसलिए उन्हें उनके सपने साकार होने में संदेह नहीं था . अगले सप्ताह मनीष नेशनल डिफेंस अकादमी का टेस्ट देने वाला था , दीपा ने कहा “ इसका मतलब तुम सेना में जाना चाहते हो ? “ “ मेरे सोचने से क्या होगा ? अभी तो दिल्ली बहुत दूर है . पहले टेस्ट में कम्पीट करना होगा फिर सिलेक्शन बहुत टफ है उसके बाद तीन साल की पढ़ाई और एक साल की ट्रेनिंग . तब जाकर पास आउट करने का सौभाग्य मिलेगा . “ “ अगर कम्पीट कर गए तब अकादमी जाओगे ? “

Full Novel

1

तुम्हारा ही खून है - 1

तुम्हारा ही खून है नोट - यह कहानी एक औरत की है जो निर्दोष होते हुए भी गलती से समझ ली जाती है . भाग 1 - तुम्हारा ही खून है मनीष ...और पढ़े

2

तुम्हारा ही खून है - 2

भाग 2 - तुम्हारा ही खून है नोट - अभी तक आपने पढ़ा है कि दीपा और मनीष शादी होती है . किसी को बिना बताये दीपा ने मनीष के स्पर्म्स फ्रीज़ करवा रखा था . मनीष आर्मी में था और बहुत दिनों से पत्नी से दूर था . मात्र मनीष के आने की खर सुन कर दीपा ने फ्रोजेन स्पर्म से गर्भ धारण किया . पर अचानक किसी दुर्घटना के चलते मनीष आ नहीं सका . जब दीपा की प्रेगनेंसी का पता चला तब उसकी सास और पति दोनों ने चरित्रहीन समझ कर उसे घर से निकाल ...और पढ़े

3

तुम्हारा ही खून है - 3 (अंतिम भाग)

भाग 3 - तुम्हारा ही खून है नोट - अभी तक आपने पढ़ा है कि दीपा की सास पति दोनों ने उसे चरित्रहीन समझ कर उसे घर से निकाल दिया . दीपा अपनी पुरानी सहेली सीमा के साथ रहने लगती है . दोनों के बच्चे बड़े हो कर नौकरी करने लगते हैं फिर . कुछ साल बाद दोनों परिवार अलग हो जाते हैं , आगे पढ़ें …. शायद उस समय दीपा की जिव्हा पर सरस्वती ...और पढ़े

अन्य रसप्रद विकल्प