"सौरभ विला" मालाबर हिल, बैंड्रा (पश्चिम), मुंबई घर से ये घर है- सौरभ का इसके नाम पर ही इसका नाम रखा जाता है | सौरभ का एक लड़का है, जिसका नाम अनूप है | अनूप कि मा को गुजरे हुए वर्षो हो गए | और बाप की भी अभी हाल ही में, दिल के दौरे से मौत हो गयी | पूरा घर सुना हो गया तब तक बाप था ; दोनों मिलकर घर का काम करते थे, लेकिन अब सारा काम अकेले अनूप को करना पड़ता है। (हाय बता दूँ अनूप एक सुन्दर और ऐटिटूड में रहने वाला बंदा है )सौरभ ने सम्पदा के नाम पर, अपने बेटे अनूप के लिए, सिर्फ ये घर और बैंक में कुछ पैसे छोड़े थे | अनूप मार्केट में अपनी बाइक पर बैठा है, जों रोड के दाहिने और है | रोड पर काफी भीड़ है | एक तरफ लोग निकल रहे है, दूसरी तरफ बाइक कार | अनूप की नज़र कुछ दुरी पर एक रुकी हुई गाडी पर जाती है, जिसमे एक सुन्दर लड़की अपने बाल सवार रही है | अनूप उसकी सुंदरता को देखता है और बोलता है, "वाओ! क्या माल है |"
Pathan - 1
कहानी शुरू होती है "सौरभ विला" मालाबर हिल, बैंड्रा (पश्चिम), मुंबई घर से ये घर है- सौरभ का इसके पर ही इसका नाम रखा जाता है | सौरभ का एक लड़का है, जिसका नाम अनूप है | अनूप कि मा को गुजरे हुए वर्षो हो गए | और बाप की भी अभी हाल ही में, दिल के दौरे से मौत हो गयी | पूरा घर सुना हो गया तब तक बाप था ; दोनों मिलकर घर का काम करते थे, लेकिन अब सारा काम अकेले अनूप को करना पड़ता है। (हाय बता दूँ अनूप एक सुन्दर और ऐटिटूड में ...और पढ़े
Pathan - 2
अनूप - मैं आपसे आपकी बेटी का हाथ मांगता हूँ। मैं आपकी बेटी को पसंद करता हूँ, सच में। मुझे सच्चा वाला प्यार हुआ आपकी बेटी से , ये सच बात है और मैं मानता हूँ, इस दुनिया में कोई बुरा आदमी नहीं है। इंसान को कभी - कभी परिस्थिति मतलबी व बुरा बना देती है। वैसे मेरा नाम अनूप है।मिस्टर मेहरा - क्या?प्रिया - पापा मै इससे प्यार करती हूँ मुझे पसंद है ये।मिस्टर मेहरा - और क्या?अनूप - हिटलर ने 60 लाख यहूदियों को मारा था , जिनमें 15 लाख बच्चे थे। ये सच बात है, हम्म्म ...और पढ़े