दरिंदें ( 1 )पूरा महानगर आज एकदम सुनसान है , वातावरण में एक अजीब सा डर मौजूद है , जिसके कारण सभी लोग अपने - अपने घरों में दुबक कर बैठे हैं ।शहर का एक बड़ा रिहायशी इलाका, जहाँ बहुत सारे छोटे - छोटे खोलीनुमा पक्के मकान बने हुए हैं , वैसे तो वह एक भीड़ भाड़ वाला इलाका था जहां लगभग रात के 12 बजे तक चहल पहल रहती थी लेकिन आज वहाँ एक परिंदा भी पर नहीं मार रहा था।धीरे - धीरे कदमों से एक व्यक्ति उस इलाके में प्रवेश करता है.

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दरिंदें - 1

दरिंदें ( 1 )पूरा महानगर आज एकदम सुनसान है , वातावरण में एक अजीब सा डर मौजूद है , कारण सभी लोग अपने - अपने घरों में दुबक कर बैठे हैं ।शहर का एक बड़ा रिहायशी इलाका, जहाँ बहुत सारे छोटे - छोटे खोलीनुमा पक्के मकान बने हुए हैं , वैसे तो वह एक भीड़ भाड़ वाला इलाका था जहां लगभग रात के 12 बजे तक चहल पहल रहती थी लेकिन आज वहाँ एक परिंदा भी पर नहीं मार रहा था।धीरे - धीरे कदमों से एक व्यक्ति उस इलाके में प्रवेश करता है, उस व्यक्ति ने काले रंग के ...और पढ़े

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दरिंदें - 2

दरिंदें ( 2 )हर्ष को अपनी ओर आता देख कर वह अजीब सा शख्स लोगों को छोड़कर हर्ष को के लिए उसकी ओर आने लगा। कुछ ही देर में वह अजीब सा शख्स हर्ष के बिल्कुल सामने आ गया, वह शख्स उसे दबोचने ही वाला था कि हर्ष बेहद चपलता के साथ झुका और बड़ी फुर्ती से दौड़कर उसके ठीक पीछे आ गया। अब हर्ष ने उस शख्स को पीछे से कमर से कसकर पकड़ा और उसे ऐसे ही ऊपर हवा में उठाकर फुर्ती के साथ पीछे की ओर पटक दिया ।अब तक सारे लोग वापस अपने अपने घरों ...और पढ़े

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