दोस्तों, आज हम बात करेंगे महाभारत के कर्ण की जिसे लोग दानवीर कर्ण के नाम से जानते हैं। जिसे परशुराम जी ने श्राप दिया था। आज हम आपको बताएंगे की अखिर परशुराम जी ने कर्ण को श्राप क्यों दिया था ? ऐसी क्या वजह थी कि परशुराम जी को श्राप देना पड़ा? तो चलिए शुरू करते हैं - महाभारत काल में, युद्ध कला में सिर्फ मल्ल-युद्ध ही नहीं होता था, बल्कि सभी तरह के शस्त्रों को चलाना भी सिखाया जाता था। इसमें ख़ास रूप से तीरंदाजी पर जोर दिया जाता था। कर्ण जानता था कि परशुराम सिर्फ ब्राह्मणों को अपने शिष्य के रूप में स्वीकार करेंगे। सीखने की चाहत में उसने एक नकली जनेऊ धारण किया और एक ब्राह्मण के रूप में परशुराम के पास चला गया। दोहरे श्राप के साथ, कर्ण आगे बढ़ा। उसे पता नहीं था कि उसे कहां जाना चाहिए। वह धुल के एक कण पर भी अपने बाणों से निशाना साध सकता था।
अनोखे रहस्य - 1
महाभारत : परशुराम ने कर्ण को श्राप क्यों दिया? दोस्तों, आज हम बात करेंगे महाभारत के कर्ण की जिसे दानवीर कर्ण के नाम से जानते हैं। जिसे परशुराम जी ने श्राप दिया था। आज हम आपको बताएंगे की अखिर परशुराम जी ने कर्ण को श्राप क्यों दिया था ? ऐसी क्या वजह थी कि परशुराम जी को श्राप देना पड़ा? तो चलिए शुरू करते हैं - महाभारत काल में, युद्ध कला में सिर्फ मल्ल-युद्ध ही नहीं होता था, बल्कि सभी तरह के शस्त्रों को चलाना भी सिखाया जाता था। इसमें ख़ास रूप से तीरंदाजी पर जोर दिया जाता था। ...और पढ़े
अनोखे रहस्य - 2
क्या आप जानते है महाभारत युद्ध के इन 18 दिनों के रहस्यों को ?दोस्तों, क्या आप जानते है महाभारत के इन 18 दिनों के रहस्यों को ? आज हम इन्हीं रहस्य पर बात करेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं - माना जाता है की महाभारत जैसे भीषण युद्ध में एक मात्र जीवित बचने वाला कौरव युतुत्सु था तथा 24,165 कौरव सैनिक लापता हो गये थे. महाभारत के एक पात्र शल्य , लव कुश के 50 वी पीढ़ी में हुए थे जो महाभारत के युद्ध में कौरवों की पक्ष से लड़े थे। शोधानुसार यह ज्ञात किया गया है की जब ...और पढ़े
अनोखे रहस्य - 3
शिव का त्रिशुल, तीसरी आंख और नंदी – का क्या है रहस्य? तीसरी आंख का मतलब है कि आपका जीवन के द्वैत से परे चला गया है। तब आप जीवन को सिर्फ उस रूप में नहीं देखते जो आपके जीवित रहने के लिए जरूरी है। बल्कि आप जीवन को उस तरह देख पाते हैं, जैसा वह वाकई है।शिव को हमेशा त्रयंबक कहा गया है, क्योंकि उनकी एक तीसरी आंख है। तीसरी आंख का मतलब यह नहीं है कि किसी के माथे में दरार पड़ी और वहां कुछ निकल आया! इसका मतलब सिर्फ यह है कि बोध या अनुभव का ...और पढ़े