मुंबई में अर्जुन नाम का एक Detectiv रहता था वह बहुत ही चालाक और निडर था, वह हर केस को easily solve कर देता था, अर्जुन के साथ श्वेता और नेहा भी रहती थी, तीनो साथ मिलकर बड़ी से बड़ी केस को solve कर देता था |एक दिन विनोद नाम का एक आदमी सुबह 9 बजे अर्जुन के office में घबराते हुए आता है और कहता हैविनोद – Detective अर्जुन sir मैं विनोद हु, Businessman मुकेश का बेटा हु, मैं बहुत मुसीबत में हु मुझे आपकी मदद चाहिए |अर्जुन – बताइये मैं आपकी क्या मदद करूं?विनोद – मेरे पापा की
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रहस्य - मौत या मर्डर - भाग 1
मुंबई में अर्जुन नाम का एक Detectiv रहता था वह बहुत ही चालाक और निडर था, वह हर केस easily solve कर देता था, अर्जुन के साथ श्वेता और नेहा भी रहती थी, तीनो साथ मिलकर बड़ी से बड़ी केस को solve कर देता था |एक दिन विनोद नाम का एक आदमी सुबह 9 बजे अर्जुन के office में घबराते हुए आता है और कहता हैविनोद – Detective अर्जुन sir मैं विनोद हु, Businessman मुकेश का बेटा हु, मैं बहुत मुसीबत में हु मुझे आपकी मदद चाहिए |अर्जुन – बताइये मैं आपकी क्या मदद करूं?विनोद – मेरे पापा की ...और पढ़े