आजकल के दौर में तो घरों में संभवतः तीन रोटी एक साथ परोसते देख भी ले तो हमें आश्चर्य नही होगा । किन्तु अधिकतर आपने देखा होगा थाली में तीन रोटी नहीं परोसते दो ही परोसते हैं इसके पीछे कोई तो कारण होगा । चलिए आज हम इस पर चर्चा करते हैं फिर अन्य विषय पर चर्चा करेंगे । ?थाली में दो रोटी - शुरूआत में दो रोटी थाली में परोसते हैं फिर क्रम चाहे बदल जाता हो । अधिकतर लोगों से इस विषय पर हम बात करेंगे तो वे यही कहेंगे इसमें ऐसा कोई लोजिक नहीं है यह सब अपनी मन मर्जी पर निर्भर है कितनी भी परोसी जा सकती है किन्तु यह सही नहीं है हमने बड़े बुढ्ढों के मुँह से सुना है पहले दो ही रोटी परोसनी है ।

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ऐसा क्यों ? - 1

आजकल के दौर में तो घरों में संभवतः तीन रोटी एक साथ परोसते देख भी ले तो हमें आश्चर्य होगा । किन्तु अधिकतर आपने देखा होगा थाली में तीन रोटी नहीं परोसते दो ही परोसते हैं इसके पीछे कोई तो कारण होगा ।चलिए आज हम इस पर चर्चा करते हैं फिर अन्य विषय पर चर्चा करेंगे । थाली में दो रोटी - शुरूआत में दो रोटी थाली में परोसते हैं फिर क्रम चाहे बदल जाता हो । अधिकतर लोगों से इस विषय पर हम बात करेंगे तो वे यही कहेंगे इसमें ऐसा कोई लोजिक नहीं है यह सब अपनी ...और पढ़े

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ऐसा क्यों ? - 2

ऐसा क्यों होता है इसके पीछे कोई वैज्ञानिक या आध्यात्मिक आधार है या कोई स्वास्थ्य से जुड़ी कोई बात जानते इस लेख मे - विवाह - विवाह संस्कार प्रायः सभी समुदायों में होता है सनातन धर्म में भी कई रस्मों के साथ सम्पन्न होता है भारतवर्ष में विवाह से पूर्व होने वाली कई रस्में हैं जो सभी जगह पर कुछ भिन्नता के साथ करवाई जाती है जो सांस्कृतिक रूप से हिन्दु विवाह में एक रिवाज के रूप में सब जगह पर प्रचलित हैं आज हम हल्दी रस्म के बारें में चर्चा करेंगे । हल्दी रस्म- विवाह से सात दिन ...और पढ़े

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ऐसा क्यों ? - 3

तिलक लगाने के पीछे का रहस्य- हमारे शरीर में तीन नाड़ियां हैं इड़ा पिंगला सुषुम्ना ये नाड़ियां मूलाधार से के साथ ऊपर चलती हैं किन्तु सुषुम्ना दोनों भ्रकुटियों के मध्य जिसे आज्ञाचक्र भी कहते है वहां आकर फिर सहस्रार चक्र में जाती है । आज्ञाचक्र में तिलक लगाने से सुषुम्ना को ऊर्ध्वगामी होने में सहायता मिलती है । आज्ञाचक्र का स्थान गर्म होता है इस स्थान पर चंदन का तिलक लगाने से ज्ञान की वृद्धि होती है इस लिए इस स्थान पर तिलक लगाया जाता है । तिलक स्त्री-पुरूष दोनों को लगाना चाहिए किन्तु महिलाएं तो इसे अनिवार्य रूप ...और पढ़े

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ऐसा क्यों ? - 4 - फूल बत्ती और लंबी बत्ती कब जलानी चाहिए ?

आजकल दीपक जलाने की बात होती है तो फूल बत्ती या लंबी बत्ती मे कोई भेद न मानते हुए भी बत्ती जलादी जाती है । दीप ज्योति का महत्व- दीपक प्रज्वलित करने के लिए एक वैदिक मंत्र अक्षर बोला जाता है " ऊं अग्निर्ज्योति: ज्योतिरग्नि स्वाहा सूर्यो ज्योति: ज्योति: सूर्यो स्वाहा ....... इस मंत्र का भावार्थ है कि अग्नि तत्व का प्रतीक ज्योति है और ज्योति ही अग्नि है ,ज्योति ही सूर्य है और सूर्य ही ज्योति है । अर्थात इससे हमे समझ मे आजाता है कि पांच तत्वों मे अग्नि का महत्व हमारे जीवन मे बहुत बड़ा है ...और पढ़े

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ऐसा क्यों ? - 5 - बिल्ली रास्ता काटे तो बुरा क्यों?

अधिकतर आपने देखा होगा बिल्ली जब रास्ता काट दे तो लोग रास्ता बदल देते हैं या रूक जाते है या कोई तकनीक अपनाकर आगे बढते हैं । जैसे किसी ओर के जाने के बाद जाना । या कोई पत्थर , जूता फेंककर बिल्ली के काटे रास्ते को काटना फिर आगे बढना । इस तरह के बिल्‍ली को लेकर कई तरह के अंधविश्‍वास मशहूर हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है बिल्‍ली के रास्‍ता काटने पर राहगीर का रुक जाना । बिल्‍ली के रास्‍ता काटने के पीछे अंधविश्‍वास ही नहीं वैज्ञानिक कारण भी हो सकता है। इसे अंधविश्वास कहकर टालने की बजाय ...और पढ़े

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