भाग 1 एक औरत की कहानी जिसे दूसरे धर्म में शादी करने के बाद मुसीबतों का सामना करना पड़ा पर उसने खुद को संभाला ..... कहानी - क्या मैं सही थी किसी दिन सुबह में बिस्तर से उठते ही दिन भर मन में अजीब सी उदासी छायी रहती है . अपने आसपास सब ठीक ही दिखता है फिर भी मन दिन भर उद्विग्न सा रहता है . और किसी दिन सुबह से ही दिन बड़ा खुशनुमा लगता है हालांकि ख़ुशी की कोई खास वजह नहीं होती . आज जब मैं सो कर उठी मौसम अच्छा है
Full Novel
क्या मैं सही थी - 1
भाग 1 एक औरत की कहानी जिसे दूसरे धर्म में शादी करने के बाद मुसीबतों का सामना पड़ा पर उसने खुद को संभाला ..... कहानी - क्या मैं सही थी किसी दिन सुबह में बिस्तर से उठते ही दिन भर मन में अजीब सी उदासी छायी रहती है . अपने आसपास सब ठीक ही दिखता है फिर भी मन दिन भर उद्विग्न सा रहता है . और किसी दिन सुबह से ही दिन बड़ा खुशनुमा लगता है हालांकि ख़ुशी की कोई खास वजह नहीं होती . आज जब मैं सो कर उठी मौसम अच्छा है ...और पढ़े
क्या मैं सही थी - 2
भाग 2 पिछले अंक में आपने पढ़ा कि छाया तलाक के बाद बच्चों के साथ अपनी छोटी बहन यहाँ पर वहां भी वह चैन से नहीं रह सकी , अब आगे …. कहानी - क्या मैं सही थी आप सोच रहे होंगे शायद मैं अपने पूर्व पति की तस्वीर देख कर परेशान हुई होगी . नहीं , ऐसी कोई बात नहीं है . मैं तो अब उनका नाम तक नहीं लेना चाहती हूँ . मेरे सामने जो तस्वीर थी वह आभास की थी . वह स्कूल से फेयरवेल के समय का फोटो था ...और पढ़े
क्या मैं सही थी - 3 - अंतिम भाग
भाग - 3 ( अंतिम ) पिछले भाग में आपने पढ़ा कि छाया अपनी छोटी बहन के अमेरिका आयी जहाँ उसकी मुलाकात एक पुराने दोस्त से होती है , अब आगे …. कहानी - क्या मैं सही थी फिर उसने बच्चों को लिविंग रूम में टीवी देखने के लिए भेज दिया . आभास मेरे सामने बैठा था . उसने पूछा “ कैसी हो छाया ? मैंने तुम्हारे तलाक के बारे में सुना था . जान कर मुझे बहुत दुःख हुआ था . “ “ अब मैं वो सब पूरी तरह भूल चुकी हूँ . याद ...और पढ़े