साहब और नीशू

(12)
  • 42.8k
  • 4
  • 15k

एक वक़्त की बात है, वहा एक बड़े जमीनदार रहते थे। उनके परिवार में उनकी पत्नि सरोजिनी और एक लड़की थी निशा। वो थी तो सत्रह साल की पर सिर्फ उम्र में ही। क्यों कि उसकी दिमागी हालत से तो सिर्फ पांच साल की बच्ची थी। जबकि वो बड़ा घराना था वो जमीनदार था! तो सब साथ मे ही रहते थे। उस जमीनदार का बड़ा भाई भी था पर वह बहुत बुरा इंसान था। और उसका भतीजा था जिसका नाम सुभाष था।

Full Novel

1

साहब और नीशू - 1

साहब और नीशू (यह एक रचनात्मक कहानी है। ) एक वक़्त की बात है, वहा एक बड़े जमीनदार रहते उनके परिवार में उनकी पत्नि सरोजिनी और एक लड़की थी निशा। वो थी तो सत्रह साल की पर सिर्फ उम्र में ही। क्यों कि उसकी दिमागी हालत से तो सिर्फ पांच साल की बच्ची थी। जबकि वो बड़ा घराना था वो जमीनदार था! तो सब साथ मे ही रहते थे। उस जमीनदार का बड़ा भाई भी था पर वह बहुत बुरा इंसान था। और उसका भतीजा था जिसका नाम सुभाष था। एक दिन निशा उसकी मम्मी सरोजिनी के साथ मंदिर में पूजा करने के ...और पढ़े

2

साहब और नीशू - 2

वहा सारे गाव मे ये अफवाह फैल चुकी थी कि जमीनदार की बेटी को मास्टरजी घर ले गए थे। जमीनदार मास्टरजी के घर जाते हैं, वहा मास्टरजी के घर का डोर बेल बजता है। कि तुरंत मास्टरजी घरसे बाहर आते हैं। तो वो जमीनदार को खड़ा पाते हैं। एकदम डरी हुई आवाज मे कहते हैं! कि अब क्या हुआ, तब जमीनदार उसे बताते हैं। तुमने मेरी बेटी को अपने घर में बुलाकर मेरी आबरू को उछाला है। तो मेरी बेटी की शादी मे तुमसे करूंगा। और यह सुन कर मास्टरजी अचंभित हो गए। और ...और पढ़े

3

साहब और नीशू - 3

मास्टरजी तुरन्त ही सरोजिनी और जमीनदार को बुलाते हैं। थोड़ी देर बाद सरोजिनी और जमीनदार आ पहुँचते हैं, उनकी का ठिकाना नहीं था, वो जाकर निशा से मिलते हैं। तो निशा उनको घर चलने का कहती है? तभी जमीनदार और सरोजिनी उसे ले कर बहार आते हैं। तब ये सब देखकर मास्टरजी चुप चाप खड़े हुए थे। पर निशा ने उनकी ओर एक बार भी नहीं देखा, वह सोचते हैं कि ईन चार सालो मे कभी भी देखने तक नहीं आए, आज अपनी बेटी को साथ ले ...और पढ़े

4

साहब और नीशू - 4

पूरी रात अपने कमरे में पडी रही, अगले दिन सुबह जब निशा उठी तो उसने कमरे में खुद को पाया, तभी वहा उसके बड़े पापा आ पहुचें उन्होंने निशा को डराते हुए कहा कि अगर तुमने हमारे बारेमे किसीको भी बताया तो अच्छा नहीं होगा, डरी हुई निशा तकिये में मुह छुपाए रोने लगी, तभी उसकी पाठशाला की सहेली उसके कमरे में आई, उसे पाठशाला लेजा ने के लिए, पर वहा उसे रोता हुआ देखकर पूछा क्या हुआ निशा? रो क्यों रही है? पहले पहल उसने कुछ नहीं कहा पर सहेली के जोर देने पर ...और पढ़े

5

साहब और नीशू - 5

रास्ते मे ये सब सोचते सोचते कब पाठशाला कब आ गई ये पता ही नहीं चल पाया कि तभी जाने के बाद मास्टरजी को देखा तो उसे सब याद आ जाता है, उसने तभी तो कुछ कहा नहीं पर उसे उस दिन की याद आने पर खुद को शर्म महसूस करने लगी। कि केसे उसने उनको चिकित्सालय के कमरे से बहार निकाला था,और खुद को कोस रही थी। उसी पल उसे वो सब याद आता है कि केसे उसने उसका ख्याल रखा था। कि उसे खाना ना खाने पर अपनी माँ की ममता के जेसे ...और पढ़े

6

साहब और नीशू - अंतिम भाग

यहा निशा के पाठशाला छूट ने के बाद भी निशा घर ना आने पर सरोजिनी चिंता मे थी, तभी उन्हें कोई आके बताता है, कि निशा मास्टरजी के घर पर हे, तुरंत ही जमीनदार और सरोजिनी मास्टरजी के घर पहुचते है, वहा अचानक डोर बेल बजती है, निशा दरबाजा खोलती है, एकदम चौक जाती है, वहा उसके मम्मी पापा खड़े थे, वह कहते हैं कि निशा घर चलो, तभी निशा कहती हैं कि मेरी मास्टरजी के साथ शादी हुई है, मे इनको छोड़ कर कहीं नहीं जाऊँगी, आज से यही मेरा घर है। ये सुनकर ...और पढ़े

अन्य रसप्रद विकल्प