बस एक बार पलट जाओ बस एक बार लौट आओमै भी मान लू गलतियों को बस तुम लौट आओ!! बस तुम लौट आओ!!(साहब .....साहब गेट खोल दो)हां आ रहा हूं ........ ( रोहन) बस थोड़ा सा थका हुआ रूम के सारे कपड़े एक जगह इक्कठा करने लगता है और तैयार होने के लिए चला जाता है।सीमा(maid)- क्या साहब मेडम नहीं आई रोहन - गुस्से से( मर गई तेरी मेडम ) खाना बनना कर फ्रिज में रख देना थोड़ा गुस्सा खुद पर थोड़ा कम्बक्त दिल पर था दोपहर 11:20 पर जी सर तो फिर मीटिंग कब की जाए ,रोहन जी जल्दी ही आप जब बोलेतो डील पक्की समझे हम
नए एपिसोड्स : : Every Tuesday
love Vs ego
बस एक बार पलट जाओ बस एक बार लौट आओमै भी मान लू गलतियों को बस तुम लौट आओ!! तुम लौट आओ!!(साहब .....साहब गेट खोल दो)हां आ रहा हूं ........ ( रोहन) बस थोड़ा सा थका हुआ रूम के सारे कपड़े एक जगह इक्कठा करने लगता है और तैयार होने के लिए चला जाता है।सीमा(maid)- क्या साहब मेडम नहीं आई रोहन - गुस्से से( मर गई तेरी मेडम ) खाना बनना कर फ्रिज में रख देना थोड़ा गुस्सा खुद पर थोड़ा कम्बक्त दिल पर था दोपहर 11:20 पर जी सर तो फिर मीटिंग कब की जाए ,रोहन जी जल्दी ही आप जब बोलेतो डील पक्की समझे हम ...और पढ़े
love Vs ego - 2
#fiker { aaj bhi he}बस यू ही खामोशी, से रिद्धिमा ने उन्ही आखों से इजाज़त लगी जिनके साथ वो कई लम्हे रहती थी , बस दोनो एक दुसरे को जी भर के देख रहे थे !"साहब आपका बिल "– वेटरआचनक आखों ने आखों जैसे बोल दिया हो बस करो कोई देख लेगा ,फिर रोहन ने गुस्से से वेटर को देखा और पैसे देते हुए बोला – अब कुछ नही चाहिए वापस न आना !काफी देर बाद रिद्धिमा खुद को आपने दायरे में करते हुए बोली – तुमरी मीटिंग कितने बजे की ही !रोहन हमेशा की तरह उसके बालो को निहार ...और पढ़े
love Vs ego - 3
सुनो अब पहले जैसी कोई बात नही,चाहे लाख कोशिश कर लो पर दिल में वो जस्बात नही!!! कितन आसान है , न एक पल में किसी को कह देना की अब हम साथ नही , मेरे साथ मत रहो क्यू नही सोचते हम की उसी के लिए कई राते कई दिन बिना खाए पिए सोए गुजरे है सिर्फ उस एक शख्स को पाने के लिए हमने कई मील का सफर बिना कोई सहारे के तय किया है , क्यों सब एक पल में बिखर कर दुबारा सब , नहीं करते हैं क्यों ?रिद्धिमा अब रिद्धिमा नही रही (अपने जस्बातो को काबू ...और पढ़े