1970 का दौर था . तत्कालीन बिहार राज्य के हज़ारीबाग़ जिले में एक जगह थी बोकारो जिसका नाम उस समय बहुत कम लोगों को पता होगा . उन दिनों यहाँ भारत सरकार के एक संयंत्र का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा था . यह भारत का ही नहीं दक्षिण पूर्व एशिया का सबसे पड़ा इस्पात का कारखाना था . यह कारखाना तत्कालीन सोवियत संघ की मदद से बन रहा था . इस कारखाने की डिज़ाइन से ले कर सभी मुख्य मशीनों की सप्लाई सोवियत संघ ही कर रहा था .

Full Novel

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दस्विदानिया - 1

भाग 1 यह एक भारतीय युवक और रूसी लड़की की प्रेम कहानी है … कहानी - दस्विदानिया 1970 का दौर था . तत्कालीन बिहार राज्य के हज़ारीबाग़ जिले में एक जगह थी बोकारो जिसका नाम उस समय बहुत कम लोगों को पता होगा . उन दिनों यहाँ भारत सरकार के एक संयंत्र का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा था . ...और पढ़े

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दस्विदानिया - 2

भाग 2 पिछले अंक में आपने पढ़ा जब विकास अपनी ट्रेनिंग के लिए सोवियत संघ गया वहां उसकी एक बार फिर से तान्या से होती है …. कहानी - दस्विदानिया एक सप्ताह बाद विकास को मास्को घूमने की अनुमति मिली . अगले ही दिन सुबह प्लांट में जब वह तान्या से मिला तो बोला “ दोब्रो उत्र ( गुड मॉर्निंग ) , मुझे मास्को जाने ...और पढ़े

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दस्विदानिया - 3 - अंतिम भाग

अंतिम भाग 3 कहानी - दस्विदानिया पिछले अंक में आपने पढ़ा कि रूस में ट्रेनिंग के दौरान विकास की मुलाकात दोबारा रूसी लड़की तान्या से होती है और दोनों में प्यार हुआ . ट्रेनिंग के बाद विकास इंडिया आने पर अपने माता पिता से तान्या से शादी करने की इच्छा जाहिर करता है . अब आगे पढ़िए … “ माँ रसियन लोग आमतौर ...और पढ़े

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