भागती दौड़ती मुंबई का एक पॉश एरिया और वहां पर स्थित ठाकुर सूर्यभान सिहं की आलीशान हवेली।हवेली में रहने वाले ठाकुर सूर्यभान और उनका बेटा ठाकुर प्रताप सिंह उनकी पत्नी ज्योत्सना और उनके दो बच्चे निहारिका सिंह और बेटा रणविजय सिंह॥खूबसूरत आलीशान हवेली जिसमें 5 पीढ़ियों से रहते ठाकुर सूर्यभान सिंह।शानो शौकत और ऐशो आराम की कोई कमी नहीं ,साथ ही ना नई पीढ़ी के लिए किसी तरह की कोई बंदिश।तो कहानी की शुरूआत होती है रणविजय के बचपन से, हंसता खेलता हुआ रणविजय अपने दोस्त मानव से छुपन -छुपाई के दौरान जा पहुंचा एक ऐसे कमरे में ,जहां पर किसी
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दूध का दरिया एक वरदान बना अभिशाप
भागती दौड़ती मुंबई का एक पॉश एरिया और वहां पर स्थित ठाकुर सूर्यभान सिहं की आलीशान हवेली।हवेली में रहने ठाकुर सूर्यभान और उनका बेटा ठाकुर प्रताप सिंह उनकी पत्नी ज्योत्सना और उनके दो बच्चे निहारिका सिंह और बेटा रणविजय सिंह॥खूबसूरत आलीशान हवेली जिसमें 5 पीढ़ियों से रहते ठाकुर सूर्यभान सिंह।शानो शौकत और ऐशो आराम की कोई कमी नहीं ,साथ ही ना नई पीढ़ी के लिए किसी तरह की कोई बंदिश।तो कहानी की शुरूआत होती है रणविजय के बचपन से, हंसता खेलता हुआ रणविजय अपने दोस्त मानव से छुपन -छुपाई के दौरान जा पहुंचा एक ऐसे कमरे में ,जहां पर किसी ...और पढ़े
दुध का दरिया एक वरदान बना अभिशाप - 2
खिलखिलाती हुई हंसी अभी भी रणविजय की धड़कन बढ़ा रही थी 'हां बस 2 दिन बाद वापस आ हुँ।"और कब वह लड़की रणविजय की आंखों से ओझल हो गई पता ही नहीं चला।"अरे !यार कहां गई वह लड़की अभी तो यही थी।" तू कब से लड़कियां देखने लग गया ,कॉलेज में तो किसी को ढंग से हाय हलो भी नहीं बोला ,और यहां कौन सी तुझे ऐसे जन्नत की हूर मिल गई जो इतना परेशान हो रहा है।"मानव भी लगभग छोड़ते हुए बोला।"देख मजाक मत कर यार ,बाकी सब लड़कियां अलग थी! मगर यह ,कुछ बात तो है जो ...और पढ़े
दूध का दरिया एक वरदान बना अभिशाप - 3
घर पर आकर रणविजय दादाजी के सिक्रेट कमरे में जाता है और वह किताब ढूंढता है जिसमें नाहरगढ़ का था।' कहां रखी ,कहां रखी वह किताब, यही तो कहीं देखी थी मैंने ,अरे !हां मिल गई '!!और उस किताब को लेकर उस कमरे से बाहर आ जाता है।तभी मां की आवाज उसके कानों में पड़ती है "बेटा आ जा खाना खा ले"।रात को अपने कमरे में रणविजय उस किताब को खोलता है कमरे में एक अजीब सा सन्नाटा छा जाता है जो उसे चौंका देता है।पर फिर भी रणविजय इस किताब को पड़ता है और पढ़ते-पढ़ते उसे नींद आ ...और पढ़े
दूध का दरिया एक वरदान बना अभिशाप - 4
अब तक आपने पढ़ा किस तरह रणविजय मुंबई से नाहरगढ़ आता है ,और सांप से उसका सामना होता है पढ़िए आगे-सांप से बचने के लिए जैसे ही रणविजय है दीवार को पार कर दूसरी तरफ आता है ।उस सुनसान जगह पर बेहोश कनक को देखकर वह और घबरा जाता है ।"कनक तुम यहां कैसे ,कनक क्या हुआ तुम्हें ,उठो यह मैं हूं रणविजय ।"कनक को होश में लाने की रणविजय पूरी कोशिश करता है।धीरे-धीरे कनक उसको होश आता है और -"मैं यहां कैसे और तुम ,तुम तो वही हो जिसमें उस दिन सापँ से मेरी जान बचाई थी और ...और पढ़े