मीनल जब से इस कम्पनी में आई है तब से ही सिद्धार्थ के साथ एक सॉफ्टवेयर पर काम कर रही है | साथ में काम करते हुए मीनल ने महसूस किया कि सिद्धार्थ जानबूझ कर किसी भी पार्टी या हंसी-मजाक में हिस्सा नहीं लेता है | उसने महसूस किया कि सिद्धार्थ का स्वभाव इतना भी गंभीर नहीं है जितना कि वह दिखाता है | मीनल मौके की तलाश में थी जब वह अकेले में सिद्धार्थ से मिल पाए | और वह मौका उसे तब मिला जब एक दिन उनके टीम लीडर ने कहा कि आप दोनों आज शाम देर तक

Full Novel

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विश्वास - भाग-१

मीनल जब से इस कम्पनी में आई है तब से ही सिद्धार्थ के साथ एक सॉफ्टवेयर पर काम कर है | साथ में काम करते हुए मीनल ने महसूस किया कि सिद्धार्थ जानबूझ कर किसी भी पार्टी या हंसी-मजाक में हिस्सा नहीं लेता है | उसने महसूस किया कि सिद्धार्थ का स्वभाव इतना भी गंभीर नहीं है जितना कि वह दिखाता है | मीनल मौके की तलाश में थी जब वह अकेले में सिद्धार्थ से मिल पाए | और वह मौका उसे तब मिला जब एक दिन उनके टीम लीडर ने कहा कि आप दोनों आज शाम देर तक ...और पढ़े

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विश्वास - भाग-२

एक रात मैं खाना खाकर अभी अपने कमरे में आया ही था कि मेरे फ़ोन की घंटी बज उठी मैंने काँपते हांथो से फ़ोन उठाया और देखा तो वह मीनू का ही फ़ोन था | उसने बताया कि वह इस समय ऑफिस से घर जा रही है | मैं उससे कुछ पूछ पाता इससे पहले ही वह बोली अभी मैं कुछ ज्यादा बात तो नहीं कर पाउंगी बस मैं तुम्हें यह बताना चाहती थी कि कल मेरी छुट्टी है | अगर तुम भी कल छुट्टी करो तो हम मिल सकते हैं | मैं मिलकर ही तुम्हें कुछ बताना चाहती ...और पढ़े

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