चंद्रगुप्त - तृतिय - अंक - 24 रावी का तट - सिकंदर का बेडा प्रस्तुत है, चाणक्य और पर्वतेश्वर - सिकंदर सेनापति चन्द्रगुप्त को बधाई देता है - सिकंदर नौका आरोहण करता है हौर नाव आगे बढ़ जाती है... पढ़िए, चंद्रगुप्त - तृतिय - अंक - 24.