आइना सच नहीं बोलता

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शुरूआती झिझक के बाद अब महिलाएं काम के साथ हंसी मजाक मौज मस्ती में भी बहुत समय जाया कर रही थीं। उनमे कई उम्र में नंदिनी से काफी बड़ी थीं और गाँव के रिश्ते से जिठानी ननद या सास लगती थीं इसलिए नंदिनी उनसे कुछ कह नहीं पाती थी। उसने झिझकते हुए अमिता से यह बात कही और समय से काम पूरा ना होने पर आगे काम ना मिलने का अपना डर भी बताया। यह तो ठीक बात नहीं है अमिता ने चिंतित हो कर कहा अब काम का बंटवारा कर दो उसके हिसाब से सबकी बैठक व्यवस्था भी अलग अलग करो। सबको सुबह ही बता देंगे कि उन्हें दिन भर में कितना काम करना है खाने पीने की कितनी देर की छुट्टी मिलेगी। तू चिंता मत कर अब मैं सब पर नज़र रखूँगी। जिस काम के पैसे मिले हैं उस काम की क़द्र तो करना पड़ेगी ना।