अनजाने लक्ष्य की यात्रा पे - 1

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व्यापारी ने बूढ़े की खूब आव भगत की और कुत्ते को भी बहुत अच्छी तरह अलग कमरे मे रखा । और अपने नौकरो को उन दोनो की सेवा मे लगा दिया । आखिर वह बूढ़ा सन्तुष्ट हो गया और उसे अपना कुत्ता बेचने पर राज़ी हो गया । लेकिन कुत्ते की कीमत चुकाने मे उस व्यापारी को अपना सारा व्यापार और सारी सम्पत्ति बेचनी पड़ी । अब उसके पास सिर्फ़ वह पुश्तैनी मकान ही बचा रह गया । लेकिन व्यापारी के लिये यह भी कोई घाटे का सौदा नही था - - - और बहुत कुछ पढ़ें इस भाग मे ।