गाठें

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स्त्री चरित्र को लेकर पितृसत्तात्मक समाज के पूर्वाग्रहों का चित्रण. समाज की संकुचित सोच से जूझती हुई नायिका. कुल मिलाकर समाज की सड़ी- गली मान्यताओं पर प्रश्न हुई रचना.