अंक ज्योतिष में प्रत्येक अंक की अपनी विशेषता होती है, जिसके आधार पर व्यक्ति अपने बारे में बहुत कुछ आकलन कर सकता है। अपनी दिनचर्या से लेकर भविष्य तक का हिसाब लगा सकता है। यह अंक जन्म की तारीख से निकाला जा सकता है। आज पूरा संसार जिन भारतीय अंकों 1 से लेकर 9 के जरिये विज्ञान और गणित की गणनाएं बड़ी सहजता के साथ कर रहा है। वे सभी ब्रह्मांड के नौ ग्रहों से प्रभावित हैं। प्रत्येक ग्रह किसी न किसी अंक से जुड़ा हुआ है। अर्थात कोई एक नंबर किसी न किसी ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। इनके अलावा सभी अंक उन्हीं की पुनरावृत्ति करते हैं। जैसे कि 10 के लिए 1 और 0 को जोड़कर 1 मिलता है, तो 11 के दोनों अंकों का जोड़ 2 है। इसी आधार पर बाकी के अंकों का संबंध मूल अंकों से निकाला जाता है। चाहे कितनी भी बड़ी संख्या क्यों न हो उनके अंकों को जोड़कर एक अंक में बदला जा सकता है। इस तरह से निकाले जाने वाले मूल अंक उस संख्या की आत्मा के समान होती है। नोट: अंक ज्योतिष के कुछ और रहस्यों के बारे में जानने के लिए नंबर बोल, किस्मत खोले भाग—एक, दो और तीन अवश्य पढ़ें।